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शिमला ! हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोक सभा उपचुनाव के लिए 24 घंटे पहले हमें प्रचार के बाद अब दोनों दोनों की तरफ से एक दूसरे पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों की झड़ी लगने शुरू हो गई है । कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों के साथ गिरते हुए मुख्यमंत्री पर अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए अपने चुनाव क्षेत्र में कार के रेट के साथ आला प्रशासनिक अधिकारियों को को अपने साथ चुनाव प्रचार में घुमाने के वीडियो रिकॉर्डिंग और दस्तावेज चुनाव आयोग को सौंपी है । कांग्रेस ने अपने आरोपों में कहा है कि मुख्यमंत्री शुरू से ही उपचुनाव में पूरे सरकारी तंत्र और सरकारी अमले का दुरुपयोग कर रहे हैं और अब चुनाव प्रचार हम जाने के बाद भी बड़ी-बड़ी नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं और इन सभाओं के लिए आला प्रशासनिक अधिकारियों का अमला भी घूम रहे हैं । हालांकि भाजपा ने विपक्ष के इन तमाम आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें केवल भाजपा की तरफ से दायर की गई शिकायतों का काउंटर अटैक बताया और कहा कि मुख्यमंत्री के लिए प्रोटोकॉल के हिसाब से चुनाव आदर्श आचार संहिता के बीच में जो प्रावधान है । मुख्यमंत्री केवल उतनी ही सुविधाएं इस्तेमाल कर रहे हैं और मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र में उनके घर में लोगों का आना जाना मिलना जुलना एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। लेकिन कांग्रेस इसे चुनाव से जोड़कर देख रही है जो सरासर गलत है हिमाचल प्रदेश भाजपा मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कांग्रेस के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष के सभी आरोप मनगढ़ंत और बेबुनियाद है । अगर मुख्यमंत्री के घर पर उनसे लोग मिलने आते हैं तो वह चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में नहीं आती है यह एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा बताया। भाजपा प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कांग्रेस को उल्टा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का दोषी बताते हुए कहा कि मंडी संसदीय सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार प्रतिभा सिंह अपने ही क्षेत्र रामपुर में चुनाव आदर्श आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन कर रहीं है। नुक्कड़ सभाओं की आड़ में बड़ी संख्या में लोगो के बीच में चुनाव प्रचार कर रही है जिसकी शिकायत के दस्तावेज पूरी प्रमाणिकता के साथ भाजपा ने चुनाव आयोग को सोते हैं और कार्यवाही की मांग की है । महत्वपूर्ण है कि 30 नवंबर को हिमाचल प्रदेश के तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव को लेकर मतदान होना है लेकिन उससे पहले पूरे चुनाव अभियान के दौरान भाजपा और कांग्रेस लगातार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं जो चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के साथ अभी भी बरकरार है ऐसे में दोनों तरफ से शिकायतें जरूर दर्ज की गई है । लेकिन पूरे अभियान के दौरान सरकार अपनी उपलब्धियों को गिनती रही लेकिन महँगाई और जनता से असल मुद्दों पर सरकार बचती दिखाई दी। जबकि कांग्रेस पार्टी ने सरकार के 4 साल के कार्यकाल की विफलताओं और प्रदेश में कमरतोड़ महंगाई को मुद्दा बनाने की जनता के बीच में जरूर कोशिश की । लेकिन सरकार में अपने तर्कों से लगातार यही साबित करने की कोशिश की के महंगाई और कीमतें बढ़ने में सरकार का हाथ नहीं है बल्कि सरकार लगातार आम जनता को राहत देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है । 30 अक्टूबर को मतदान के बाद दो नवंबर को चुनाव परिणाम सामने आ जाएंगे और पता चल जाएगा कि प्रदेश की जनता ने किन मुद्दों को आधार बनाकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया है
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