- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! शिमला ग्रामीण की ग्राम पंचायत शकरोड़ी के चाबा गांव से शिमला के लिए बनी उठाउ पेय जल योजना से चाबा के साथ लगते जिला मंडी की तहसील करसोग के गांव को गुपचुप तरीके से पानी की पाइप लाइन बिछाने पर शकरोड़ी पंचायत के ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों को जैसे ही पता चला कि चाबा से तहसील करसोग के गांव के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है तो तुरंत ही पंचायत के प्रधान सुदेश कुमार, उपप्रधान खुशीराम, पूर्व प्रधान यशपाल शर्मा पंचायत सदस्य और अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और काम को बंद करवा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी पंचायत से शिमला के लिए पेयजल योजना बनाई गई। जब इस योजना से पंचायत के लिए भी पानी की मांग रखी गई तो यह कहकर अधिकारियों ने मना कर दिया कि इस योजना से केवल शिमला को ही पानी दिया जाएगा परंतु अब गुपचुप तरीके से जिला मंडी के गांव के लिए बिछाई जारी पाइप लाइनों से ग्रामीणों में रोष है। पूर्व प्रधान यशपाल शर्मा का कहना है कि जब विभाग के अधिकारियों से इस विषय पर बात की गई तो उन्होंने यहां चल रहे कार्यों के बारे में कोई भी जानकारी ना होने की बात कही। पंचायत के जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यदि विभाग की बिना अनुमति से पाइप लाइन बिछाई जा रही थी तो विभाग बिना अनुमति कार्य करने वाले लोगों पर कानूनी कार्यवाही करें। यशपाल शर्मा का कहना है कि उनकी पंचायत से शिमला के लिए दो-दो बड़ी उठाउ पेयजल परियोजनाएं चलाई जा रही है जिससे शिमला ग्रामीण की ग्राम पंचायत शकरोड़ी व साथ लगती नगर पंचायत सुन्नी और अन्य पंचायतों को भी पानी नहीं दिया जा रहा है परंतु गुपचुप तरीके से जिला मंडी के गांव को पानी की पाइप लाइनें बिछाना शिमला ग्रामीण के लोगों के साथ धोखा है। शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के जीएम, आरके वर्मा का कहना है कि ऐसा कोई भी प्रपोजल विभाग द्वारा नहीं चलाया जा रहा है, ना ही विभाग ने कोई पाइप व अन्य सामग्री कार्य के लिए दी गई है फिलहाल ग्रामीणों ने काम बंद करवा दिया है। बिना अनुमति कौन इस कार्य कर रहे को कर रहे थे इसकी छानबीन की जा रही है। बता दें कि शिमला ग्रामीण के सुन्नी से पांच किलोमीटर की दुरी पर सतलुज नदी के किनारे ब्रिटिशराज के समय बने 1.75 मेगावाट चाबा पावर हाउस में विद्युत उत्पादन के लिए इस्तेमाल होने वाले नॉटीखड्ड के पानी को इस स्कीम के तहत उठाया जा रहा है। पहले यह पानी सतलुज नदी में चला जाता था। इसी पानी को एक बड़ी आरसीसी चैनल द्वारा चाबा पावर हाउस के साथ बनाए गए टैंक में जमा किया जा रहा है जिसे बूस्टर स्टेज का नाम दिया गया है, बूस्टर स्टेज के टैंक से पानी को वाटर ट्रीटमैंट प्लांट में पहुंचाया जा रहा है। ट्रीटमैंट प्लांट से 14.5 किलोमीटर दूर गुम्मा पंपिंग स्टेशन पंहुचाया जा रहा है। जहां से पानी शिमला पहुंचाया जाता है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -