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शिमला ,16 फरवरी [ विशाल सूद ] ! संयुक्त किसान मंच ने केंद्र सरकार के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दीया है। दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों पर किसान हड़ताल पर बैठ चुके हैं। इसी बीच राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेड यूनियन ने भी भारत बंद का आवाहन किया है। ऐसे में राजधानी शिमला में भी ट्रेड यूनियन के लोगों ने पंचायत भवन से उपायुक्त कार्यालय तक रोष रैली निकाली ओर किसानों की मांगों के समर्थन में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने कहा कि देश में आज भारत बंद का आवाहन है। देशभर की 10 राष्ट्रीय स्तरीय ट्रेड यूनियन के ज्वाइंट फ्रंट ने भारत बंद का आवाहन किया है। तंवर ने कहा कि साल 2020-21 के अंदर देश में किसानों ने एक बड़ा आंदोलन किया था। 378 दिनों के आंदोलन के बाद 9 दिसंबर को लिखित समझौते पर किसानों ने आंदोलन वापस लिया। लेकिन अभी तक केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में कुछ नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि न तो आंदोलन के दौरान कुचले गए किसानों को अभी तक न्याय मिला न ही किसानों की मांगे पूरी हुई। उन्होंने कहा कि एमएसपी एक सबसे बड़ी मांग थी जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया। इसके अलावा भी किसानों से जिन शर्तों पर आंदोलन वापस लिया गया था उन पर भी केंद्र सरकार ने कोई कदम नहीं बढ़ाया। वहीं किसानों की मांगों को लेकर बनाई गई कमेटी ने अभी तक कोई रिपोर्ट पेश नहीं की लिहाज़ा देश भर में किसान एक बार फिर सरकार के विरुद्ध धरने पर बैठे हैं। इसी को देखते हुए राष्ट्रिय स्तरीय ट्रेड यूनियन ने भी भारत बंद का आवाहन किया है ।
शिमला ,16 फरवरी [ विशाल सूद ] ! संयुक्त किसान मंच ने केंद्र सरकार के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दीया है। दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों पर किसान हड़ताल पर बैठ चुके हैं। इसी बीच राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेड यूनियन ने भी भारत बंद का आवाहन किया है। ऐसे में राजधानी शिमला में भी ट्रेड यूनियन के लोगों ने पंचायत भवन से उपायुक्त कार्यालय तक रोष रैली निकाली ओर किसानों की मांगों के समर्थन में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने कहा कि देश में आज भारत बंद का आवाहन है। देशभर की 10 राष्ट्रीय स्तरीय ट्रेड यूनियन के ज्वाइंट फ्रंट ने भारत बंद का आवाहन किया है। तंवर ने कहा कि साल 2020-21 के अंदर देश में किसानों ने एक बड़ा आंदोलन किया था। 378 दिनों के आंदोलन के बाद 9 दिसंबर को लिखित समझौते पर किसानों ने आंदोलन वापस लिया।
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लेकिन अभी तक केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में कुछ नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि न तो आंदोलन के दौरान कुचले गए किसानों को अभी तक न्याय मिला न ही किसानों की मांगे पूरी हुई। उन्होंने कहा कि एमएसपी एक सबसे बड़ी मांग थी जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया। इसके अलावा भी किसानों से जिन शर्तों पर आंदोलन वापस लिया गया था उन पर भी केंद्र सरकार ने कोई कदम नहीं बढ़ाया।
वहीं किसानों की मांगों को लेकर बनाई गई कमेटी ने अभी तक कोई रिपोर्ट पेश नहीं की लिहाज़ा देश भर में किसान एक बार फिर सरकार के विरुद्ध धरने पर बैठे हैं। इसी को देखते हुए राष्ट्रिय स्तरीय ट्रेड यूनियन ने भी भारत बंद का आवाहन किया है ।
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