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शिमला , 03 सितम्बर ! शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज यहां बताया कि केंद्र सरकार ने शिमला शहर के लिए 229 करोड़ रुपये की मल शोधन परियोजना को स्वीकृति प्रदान की है। यह परियोजना वर्ष 2025 तक पूर्ण की जाएगी तथा इससे शिमला शहर की आबादी को आने वाले 30 वर्षों तक मल निकासी की सुविधा मिलेगी। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस परियोजना के अन्तर्गत शिमला शहर में नई मल निकासी व्यवस्था स्थापित करने तथा पुरानी लाइनों को स्तरोन्नत करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट केंद्र सरकार के केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के केन्द्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण अभियान्त्रिकी संगठन को भेजी गई थी। जिसके फलस्वरूप केंद्र सरकार से 229 करोड़ रुपये की इस परियोजना को स्वीकृति प्राप्त हुई हैं। इस परियोजना के लिए विश्व बैंक द्वारा प्रोग्राम-फॉर-रिजल्ट के अन्तर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड द्वारा शहर में लगभग 230 किलोमीटर पाइपें बिछाई जाएंगी ताकि शहर के सभी घरों में मल निकासी की सुविधा प्रदान करने के लिए एक नई व्यवस्था बनाई जा सके। इस परियोजना से शिमला शहर में मल निकासी सुविधा में शामिल न हो सके लोगों को भी सुविधा मिलेगी। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान मल निकासी व्यवस्था को स्तरोन्नत किया जाएगा जिसके तहत बिछाई गई पुरानी लाइनों को चार इंच व्यास से छः इंच व्यास में बदला जाएगा। यह परियोजना शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड द्वारा वर्ष 2025 तक चरणबद्ध रूप से पूर्ण की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लागू होने के बाद शिमला शहर में मल निकासी के लिए सेप्टिक टैंक पर निर्भर नहीं रहना पडे़ेगा। यह परियोजना शिमला शहर के ढली तथा मशोबरा के शेष बचे कुछ भागों को मल निकासी सुविधा से जोड़ेगा।
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