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शिमला ! कृषि कानूनों के विरोध में आज देश भर में किसान संगठन चक्का जाम कर रहे हैं। इसी कड़ी में शिमला के विक्ट्री टनल पर किसान सभा सीटू व अन्य संगठनों ने मिलकर कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए धरना दिया व चक्का जाम किया। हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने बताया कि आज किसानों के द्वारा पूरे भारत मे चक्का जाम किया गया है। हिमाचल में भी लाहुल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में चक्का जाम किया गया है। जब तक किसान विरोधी तीन कानून वापिस नही लिए जाते है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। बजट में किसानों को राहत देने की बजाए बजट कम कर दिया गया है। यह सरकार किसानो के हित मे नही है। मोदी ने 2014 में न्यूनतम समर्थन देने की बात कही थी लेकिन आज तक कोई ऐसा कदम नही उठाया गया है। उन्होंने कहा कि बड़े कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार देश के अन्नदाताओं के साथ मजाक कर रही है। सरकार इस आंदोलन को अमीर किसानों का आंदोलन कहकर दूसरी दिशा में भड़काने का प्रयास कर रही है। जब तक सरकार इन कानूनों को वापिस नहीं लेती है तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा।
शिमला ! कृषि कानूनों के विरोध में आज देश भर में किसान संगठन चक्का जाम कर रहे हैं। इसी कड़ी में शिमला के विक्ट्री टनल पर किसान सभा सीटू व अन्य संगठनों ने मिलकर कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए धरना दिया व चक्का जाम किया।
हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने बताया कि आज किसानों के द्वारा पूरे भारत मे चक्का जाम किया गया है। हिमाचल में भी लाहुल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में चक्का जाम किया गया है। जब तक किसान विरोधी तीन कानून वापिस नही लिए जाते है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। बजट में किसानों को राहत देने की बजाए बजट कम कर दिया गया है। यह सरकार किसानो के हित मे नही है। मोदी ने 2014 में न्यूनतम समर्थन देने की बात कही थी लेकिन आज तक कोई ऐसा कदम नही उठाया गया है। उन्होंने कहा कि बड़े कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार देश के अन्नदाताओं के साथ मजाक कर रही है। सरकार इस आंदोलन को अमीर किसानों का आंदोलन कहकर दूसरी दिशा में भड़काने का प्रयास कर रही है। जब तक सरकार इन कानूनों को वापिस नहीं लेती है तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा।
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