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शिमला ! चुनावी साल में हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती नजर आ रही हैं. 8 जून को भाजपा में शामिल हुए दोनों निर्दलीय विधायकों की सदस्यता पर एक बार फिर खतरा मंडराता नजर आ रहा है. कांग्रेस विधायक दल ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में विधानसभा सचिव के समक्ष याचिका दायर की. इससे पहले भी कांग्रेस विधायक दल की ओर से विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार को शिकायत पत्र दिया जा चुका है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि दोनों निर्दलीय विधायकों ने भाजपा में शामिल होकर नियमों का उल्लंघन किया है. क्षेत्र की जनता ने उन्हें निर्दलीय विधायक के तौर पर जीता कर भेजा, लेकिन उन्होंने जनता के साथ धोखा किया है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इससे पहले भी विधानसभा अध्यक्ष को भी शिकायत पत्र दे चुके हैं. उस शिकायत पत्र को भी याचिका के तौर पर लिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि अब विधानसभा सचिव के समक्ष याचिका दायर की गई है. कांग्रेस विधायक दल ने मांग की है कि दोनों विधायकों की सदस्यता जल्द से जल्द रद्द की जाए. उन्होंने कहा कि दोनों विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में भी वोट डाला. जबकि दोनों की सदस्यता पर प्रश्नचिन्ह पहले खड़ा कर दिया गया था। इस दौरान कांग्रेस विधायक दल के सचिव नंदलाल, आशीष बुटेल और भवानी पठानिया मौजूद रहे। वहीं, हिमाचल प्रदेश विधानसभा मॉनसून सत्र को लेकर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष पर के लिए कोई तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकार सत्र से बचने की कोशिश करती है. उन्होंने कहा कि इस सत्र में भी केवल चार ही बैठकें रखी गई है. उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के जवाबों को देने से पीछे हटती नजर आ रही है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह सरकार का आखिरी सत्र है, लेकिन बावजूद इसके सरकार 35 बैठकें पूरी नहीं कर रही है।
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