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शिमला ! मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने राज्यपाल की गरिमा के खिलाफ कार्य किया है इस तरह के कार्य की इजाजत नहीं दी सकती है।इस बीच कांग्रेस के विधायकों ने बोलना शुरू कर दिया जिस पर अध्यक्ष ने सदन को शान्त करवाया।मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले भी अभिभाषण को कई राज्यपाल ने अभिभाषण पूरा नहीं पढ़ा है।लेकिन राज्यपाल के अभिभाषण के दिन कांग्रेस ने काम रोको प्रस्ताव दिया जबकि ऐसी सदन में कोई व्यवस्था नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल की गरिमा को नही देखना था तो उनकी उम्र का तो खयाल करते।राज्यपाल के रास्ते को रोकना कहाँ तक सही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राज्यपाल जैसे तैसे गाड़ी के अंदर बैठ गए लेकिन कांग्रेस के विधायकों ने गाड़ी खोलने का प्रयास किया और राज्यपाल को बाहर खींचने की कोशिश की गई।राज्यपाल के परिवार वाले उस सब को देख रहे थे और घटनाक्रम को देख कर शर्मिंदा हुए है। सरकार ने पूरे घटनाक्रम पर परिवार से माफ़ी मांगी है लेकिन विपक्ष को शर्म नहीं आयी। संवैधानिक मर्यादाओं को तोड़ने की कोशिश की गई जिसको सहन नही किया जा सकता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंन्ह ने आज सदन के अंदर अच्छा व्यवहार नहीं किया है।मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर कांग्रेस ने अगर लड़ना है तो सरकार से लड़े न कि संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल से लड़े। इससे पहले भी कांग्रेस के विधायकों की तरफ से कई बार संवैधानिक मर्यादा को तोड़ा गया है।कांग्रेस के विधायक की गलती माफी के लायक नहीं है सदन को आगे चलाया जाए।जिसके बाद समाप्त करने की विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी और प्रश्नकाल आरंभ कर दिया। जिस पर नाराज कांग्रेस के विधायकों ने सदन में अंदर नारेबाजी शुरू कर दी और सदन से वाकआउट कर दिया।
शिमला ! मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने राज्यपाल की गरिमा के खिलाफ कार्य किया है इस तरह के कार्य की इजाजत नहीं दी सकती है।इस बीच कांग्रेस के विधायकों ने बोलना शुरू कर दिया जिस पर अध्यक्ष ने सदन को शान्त करवाया।मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले भी अभिभाषण को कई राज्यपाल ने अभिभाषण पूरा नहीं पढ़ा है।लेकिन राज्यपाल के अभिभाषण के दिन कांग्रेस ने काम रोको प्रस्ताव दिया जबकि ऐसी सदन में कोई व्यवस्था नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल की गरिमा को नही देखना था तो उनकी उम्र का तो खयाल करते।राज्यपाल के रास्ते को रोकना कहाँ तक सही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राज्यपाल जैसे तैसे गाड़ी के अंदर बैठ गए लेकिन कांग्रेस के विधायकों ने गाड़ी खोलने का प्रयास किया और राज्यपाल को बाहर खींचने की कोशिश की गई।राज्यपाल के परिवार वाले उस सब को देख रहे थे और घटनाक्रम को देख कर शर्मिंदा हुए है।
सरकार ने पूरे घटनाक्रम पर परिवार से माफ़ी मांगी है लेकिन विपक्ष को शर्म नहीं आयी। संवैधानिक मर्यादाओं को तोड़ने की कोशिश की गई जिसको सहन नही किया जा सकता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंन्ह ने आज सदन के अंदर अच्छा व्यवहार नहीं किया है।मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर कांग्रेस ने अगर लड़ना है तो सरकार से लड़े न कि संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल से लड़े। इससे पहले भी कांग्रेस के विधायकों की तरफ से कई बार संवैधानिक मर्यादा को तोड़ा गया है।कांग्रेस के विधायक की गलती माफी के लायक नहीं है सदन को आगे चलाया जाए।जिसके बाद समाप्त करने की विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी और प्रश्नकाल आरंभ कर दिया। जिस पर नाराज कांग्रेस के विधायकों ने सदन में अंदर नारेबाजी शुरू कर दी और सदन से वाकआउट कर दिया।
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