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शिमला , 08 मार्च [ विशाल सूद ] ! नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के साथ मज़ाक कर रही है। उनके किसी भी लंबित अदायगी का भुगतान नहीं कर रही है। हाल ही में कर्मचारियों के डीए और वेतन आयोग के एरियर के संबंध में जो नोटिफिकेशन सरकार द्वारा जारी किया गया इससे भद्दा मज़ाक कर्मचारियों के साथ हो नहीं सकता है। एक तरफ़ सरकार ख़ुद को कर्मचारी हितैषी बताती है तो दूसरी तरफ़ उनके लंबित देय के भुगतान के लिए अजीबो-गरीब नियम बनाती है। जयराम ठाकुर ने कहा कि अभी हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा 4 प्रतिशत डीए देने की घोषणा की थी। लेकिन इसके एरीयर की जो अधिसूचना सरकार द्वारा की गई थी वह प्रदेश के कर्मचारियों के साथ मज़ाक़ हुआ है। जो फार्मूला सरकार द्वारा एरियर के भुगतान के लिए 67 महीनें का समय लगेगा। हर तरफ़ से आलोचना होने के बाद सरकार ने वह अधिसूचना वापस ले ली लेकिन कोई नई अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार जल्दी से जल्दी नई अधिसूचना जारी करे। जयराम ठाकुर ने कहा कि पे कमीशन का एरियर देने के नाम पर भी सरकार ने कर्मचारियों के साथ मज़ाक़ किया। उनकी भावनाओं के साथ खेलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि छठवां पे कमीशन जो 2016 से देय था उसे कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में लागू ही नहीं किया। जब हमारी सरकार आई तो हमने छठवां पे कमीशन लागू किया। जो एरियर कर्मचारियों का बनता था उसमें से एक मुश्त 50 हज़ार रुपए का का भुगतान भी कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि बकाया के एरियर के लिए प्रदेश के कर्मचारी सरकार से आस लगाए बैठे थे। डेढ़ वर्ष के बाद जब लोकसभा चुनाव सर पर आते दिखे तो सरकार ने एरियर के भुगतान के लिए एक अजीबो-ग़रीब अधिसूचना जारी कर दी। यह अधिसूचना भी कर्मचारियों के साथ किसी भद्दे मज़ाक़ से कम नहीं है। हर कर्मचारी ठगा हुआ सा महसूस कर रहा है। इस अधिसूचना के अनुसार कर्मचारियों यह समय 33 सालों में अपना एरियर मिल पाएगा। जिस कर्मचारी की उम्र आज 55 साल है। वह यह धनराशि लेते-लेते 88 साल की उम्र तक पहुँच जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारी सरकार ने कर्मचारी हितों के लिए एक से बढ़कर एक फ़ैसले किए। हमेशा कर्मचारी वर्ग को एक मुश्त दिये डीए और एरियर का लाभ दिया। वेतन आयोग की सिफ़ारिशें लागू की। करुणामूलकों को रिकॉर्ड नौकरियां दी। कॉंट्रैक्ट पीरियड को घटाकर तीन साल से दो साल किया जिसे सरकार ने अपनी नीतियों की वजह से फिर से तीन साल कर दिया है।
शिमला , 08 मार्च [ विशाल सूद ] ! नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के साथ मज़ाक कर रही है। उनके किसी भी लंबित अदायगी का भुगतान नहीं कर रही है।
हाल ही में कर्मचारियों के डीए और वेतन आयोग के एरियर के संबंध में जो नोटिफिकेशन सरकार द्वारा जारी किया गया इससे भद्दा मज़ाक कर्मचारियों के साथ हो नहीं सकता है। एक तरफ़ सरकार ख़ुद को कर्मचारी हितैषी बताती है तो दूसरी तरफ़ उनके लंबित देय के भुगतान के लिए अजीबो-गरीब नियम बनाती है।
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जयराम ठाकुर ने कहा कि अभी हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा 4 प्रतिशत डीए देने की घोषणा की थी। लेकिन इसके एरीयर की जो अधिसूचना सरकार द्वारा की गई थी वह प्रदेश के कर्मचारियों के साथ मज़ाक़ हुआ है। जो फार्मूला सरकार द्वारा एरियर के भुगतान के लिए 67 महीनें का समय लगेगा।
हर तरफ़ से आलोचना होने के बाद सरकार ने वह अधिसूचना वापस ले ली लेकिन कोई नई अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार जल्दी से जल्दी नई अधिसूचना जारी करे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पे कमीशन का एरियर देने के नाम पर भी सरकार ने कर्मचारियों के साथ मज़ाक़ किया। उनकी भावनाओं के साथ खेलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि छठवां पे कमीशन जो 2016 से देय था उसे कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में लागू ही नहीं किया।
जब हमारी सरकार आई तो हमने छठवां पे कमीशन लागू किया। जो एरियर कर्मचारियों का बनता था उसमें से एक मुश्त 50 हज़ार रुपए का का भुगतान भी कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि बकाया के एरियर के लिए प्रदेश के कर्मचारी सरकार से आस लगाए बैठे थे।
डेढ़ वर्ष के बाद जब लोकसभा चुनाव सर पर आते दिखे तो सरकार ने एरियर के भुगतान के लिए एक अजीबो-ग़रीब अधिसूचना जारी कर दी। यह अधिसूचना भी कर्मचारियों के साथ किसी भद्दे मज़ाक़ से कम नहीं है। हर कर्मचारी ठगा हुआ सा महसूस कर रहा है। इस अधिसूचना के अनुसार कर्मचारियों यह समय 33 सालों में अपना एरियर मिल पाएगा। जिस कर्मचारी की उम्र आज 55 साल है। वह यह धनराशि लेते-लेते 88 साल की उम्र तक पहुँच जाएगा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारी सरकार ने कर्मचारी हितों के लिए एक से बढ़कर एक फ़ैसले किए। हमेशा कर्मचारी वर्ग को एक मुश्त दिये डीए और एरियर का लाभ दिया। वेतन आयोग की सिफ़ारिशें लागू की। करुणामूलकों को रिकॉर्ड नौकरियां दी। कॉंट्रैक्ट पीरियड को घटाकर तीन साल से दो साल किया जिसे सरकार ने अपनी नीतियों की वजह से फिर से तीन साल कर दिया है।
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