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शिमला !@ पिछले 110 दिनों से शिमला में करुणामूल्क आश्रित अनशन पे बैठे है लेकिन सरकार का कोई भी नुमायदा उनसे मिलने नही जा रहा है। करुणामूल्क आश्रितों ने सरकार पर अनदेखी के आरोप लगाए और जल्द मांगे न पूरी होने पर जिस तरिके से भाजपा चारों खाने चित हुई है उसी तरिके से 2022 में भी हार का सामना भाजपा को करना होगा, समय रहते प्रदेश सरकार सुध लें और नौकरिया बहाल करें | करुणामूलक संघ के अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा की मांगों को लेकर पिछले 110 दिन से अनशन पर बैठे है लेकिन हैरानी की बात है कि सरकार का न तो कोई अधिकारी और न ही मंत्री सुध लेने पंहुचा । आश्रित समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों के केसों को जो 7/03/2019 की पॉलिसी मे आ रहे हैं उनको वन टाइम सेटेलमेंट के तहत सभी को एक साथ नियुक्तियाँ देने, करुणामूलक आधार पर नोकरियों वाली पॉलिसी में संशोधन ओर उसमे Rs 62500 एक सदस्य सालाना आय सीमा शर्त को पूर्ण रूप से हटा दिया जाए और योग्यता के अनुसार आश्रितों को बिना शर्त के सभी श्रेणीयो में नौकरी दी जाए
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