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शिमला ! शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में शुक्रवार को हिम केयर योजना को लेकर प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इसमें अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक राज ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आईजीएमसी में केंद्र सरकार की ओर से साल 2018 में आयुष्मान भारत की तर्ज पर हिम केयर योजना का शुभारंभ किया गया। सरकार द्वारा ऐसे सभी नागरिक जो आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभ नहीं उठा पा रहे हैं , उनके लिए हिम केयर योजना शुरू की गई थी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत अस्पताल में मौजूदा समय तक 31261 मरीजों को विभिन्न बीमारियों के तहत इलाज से लाभान्वित किया गया। साल 2018 - 2019 में 2615 मरीजों पर 4 करोड़, 46 लाख, 35 हजार 950 रुपए की राशि खर्च की गई। वहीं साल 2019 - 2020 में 10169 मरीजों पर 17 करोड़ 36 लाख 38 हजार 543 रुपए की राशि खर्च की गई। साल 2020- 2021 में 11078 मरीजों पर 21 करोड़ 93 लाख, 86 हजार 286 रुपये की राशि खर्च की गई। इसके अलावा साल 2021 में अभी तक 7399 मरीजों पर 13 करोड़ 92 लाख, 63 हजार 813 रुपए की राशि खर्च की गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार सहित अस्पताल प्रशासन मरीजों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने को लेकर प्रतिबद्ध है ताकि मरीजों को अस्पताल में सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं का पूरा लाभ मिल सके। इसी दिशा में सरकार की ओर से अस्पताल में पिछले दिनों मुफ्त जांच योजना शुरू की गई थी । जहां सभी श्रेणियों के मरीजों के 56 प्रकार के टेस्ट निशुल्क करवाए जाते हैं। सीटी स्कैन एमआरआई अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट भी बीपीएल, कैंसर मरीजों, व दिव्यांग मरीजों के लिए निशुल्क है। साथ ही अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे अति निर्धन मरीजों को भी मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के जरिए स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आगामी 1 जनवरी से स्वास्थ्य विभाग की ओर से हिम केयर पोर्टल शुरू किया जा रहा है। इसके तहत लोग अपने कार्ड का नवीनीकरण करवा सकते हैं और नए कार्ड बनवा सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि नजदीकी लोक मित्र केंद्र में जाकर कार्ड की वैधता जरूर जांच लें ताकि अस्पताल आने पर उन्हें कार्ड एक्टिवेट करवाने में किसी प्रकार की परेशानी ना आए। आमतौर पर देखा गया है कि मरीज जब अस्पताल पहुंचते हैं तो कार्ड की वैधता समाप्त हो जाने और पारिवारिक सदस्यों का नाम सही से दर्ज ना होने के कारण मरीज के कार्ड को एक्टिवेट करवाने में काफी दिक्कत आती है। ऐसे में मरीजों को उचित इलाज मुहैया करवाने में अस्पताल प्रशासन असमर्थ रहता है और कई बार मरीज की जान पर भी खतरा बन आता है । इसीलिए समय रहते अपने कार्ड की वैधता और नाम सही प्रकार से दर्ज होना चाहिए ताकि कार्ड एक्टिवेट करने में समय व्यर्थ ना हो। उन्होंने बताया कि 1 कार्ड में परिवार के अधिकतम पांच व्यक्तियों को लाभ मिल सकता है और अधिकतम 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य लाभ दिया जाता है । लेकिन अगर मरीज किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है और उसके इलाज में 5 लाख रुपए से अधिक खर्च होने की संभावना होती है तो ऐसी स्थिति में मरीज के स्वास्थ्य लाभ के लिए विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती है जहां विभाग के चिकित्सक कार्ड में राशि बढ़ाने के लिए प्रार्थना पत्र (रिक्वेस्ट लेटर) जारी करते हैं । उन्होंने बताया कि अस्पताल में हिम केयर योजना के बेहतर कार्यान्वयन के लिए चार प्रशासनिक अधिकारी और दो नर्सिंग सुपरीटेंडेंट तैनात किए हैं जो कि सुनिश्चित करते हैं कि अस्पताल में आए मरीजों को हिमकेयर योजना के तहत लाभ मिलने में किसी प्रकार की परेशानी न आये । उन्होंने प्रेस के माध्यम से समस्त जनता से अपील करते हुए कहा कि जन जन तक बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की इस मुहिम को जन आंदोलन बनाएं और समाज के सभी वर्गों को जागरूक करवाने में सहयोग प्रदान करें । उन्होंने कहा कि शहरी निकायों में जनप्रतिनिधियों, पंचायत में वार्ड सदस्य, प्रधान व उपप्रधान सहित सभी जनप्रतिनिधियों को आगे आना चाहिए और सामाजिक परिवेश में लोगों को कार्ड बनवाने व इससे संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उन सब लोगों तक भी स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है जो अपनी आर्थिक स्थिति के कारण अच्छी स्वास्थ्य सेवा वहन नहीं कर सकते हैं।
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