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शिमला ! "विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस" के महत्व को चिह्नित करने के लिए, एलएलबी और बीए-एलएलबी के छात्रों ने आर्यन्स कॉलेज ऑफ लॉ, राजपुरा, नजदीक चंडीगढ़ द्वारा आयोजित विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया। डॉ अंशु कटारिया, चेयरमैन, आर्यन्स ग्रुप ने सभी छात्रों की प्रशंसा की। और उन्हें भविष्य के दिनों में और अधिक भाग लेने के लिए प्रेरित किया। एडवोकेट नवनीत कौर व अधिवक्ता प्रियंका फैकल्टी, आर्यन्स कॉलेज ऑफ लॉ ने न्याय के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि एक राष्ट्र की न्यायिक प्रणाली प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जगह पर रखती है, और भ्रष्टाचार से लड़ती है। न्याय सुनिश्चित करना न्यायिक प्रणाली का मुख्य लक्ष्य है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए यह हर आवश्यक उपाय करता है। लॉ के छात्रों ने जागरूकता अभियान के दौरान ग्रामीणों को सामाजिक अन्याय के खिलाफ समझाया और सामाजिक रूप से एकीकृत समाज बनाने के लिए गरीबी, लिंग और शारीरिक भेदभाव, निरक्षरता, धार्मिक भेदभाव को खत्म करने के लिए विभिन्न समुदायों को एक साथ लाने का संकल्प भी लिया। उल्लेखनीय है कि 17 जुलाई को विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस तथा 1998 में रोम संविधि को अपनाने की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। इस संधि की मदद से, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की स्थापना की गई थी। 1998 में उस दिन से, लगभग 139 देशों ने कोर्ट की संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। लगभग 80 राज्यों और दुनिया के हर क्षेत्र के प्रतिनिधि, ने इसकी पुष्टि की है।
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