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शिमला , 28 अगस्त [ विशाल सूद ] ! मानसून में हुई जोरदार बरसात ने हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अलग अलग इलाकों में तबाही मचाई. शहर में लैंडस्लाइड की घटनाओं के साथ-साथ पेड़ गिरने से भी भयंकर नुकसान हुआ. ऐसे में नगर निगम शिमला ने शहर में असुरक्षित पेड़ों को काटने का अभियान छेड़ा और बहुत से पेड़ काटे गए. मगर इसको लेकर अब शिमला के पूर्व उप महापौर टिकेंद्र पंवर ने सवाल खड़े किए हैं और नगर निगम के पेड़ काटने के दौरान कई पेड़ गैर-जरूरी रूप से काटने का आरोप लगाया है. शिमला नगर निगम के पूर्व उप महापौर टिकेंद्र पंवर ने कहा कि शिमला शहर के वातावरण पर यहां के पेड़ों का बड़ा प्रभाव है और पेड़ यहां के वातावरण को ठंडा रखने में मदद करते हैं. टिकेंद्र ने कहा कि शहर में बरसात के दौरान हुई तबाही के बाद नगर निगम शिमला शहर में असुरक्षित पेड़ों को कटवा रही है. उन्होंने कहा कि एक कमेटी बनाकर शहर के असुरक्षित पेड़ों को काटने का अभियान चलाया जा रहा है और आपदा घोषित होने के चलते सभी काम जिला प्रशासन की ओर से किया जा रहे हैं. लेकिन ऐसा देखने में आया है कि शहर में कुछ ऐसे पेड़ भी काटे जा रहे हैं जिन्हें काटने की कोई जरूरत नहीं है. टिकेंद्र ने मांग करते हुए कहा कि शहर में सजगता के साथ केवल असुरक्षित पेड़ों की ही कटाई होनी चाहिए और साथ ही पेड़ लगाने की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि एक पेड़ के बदले पांच पेड़ कम से कम लगाया जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा नगर निगम तय करे की जिन इलाकों में पेड़ काटे गए हैं वहां किसी तरह का निर्माण न किया जाए और शिमला शहर को बेतहाशा कंस्ट्रक्शन से बचाया जाए।
शिमला , 28 अगस्त [ विशाल सूद ] ! मानसून में हुई जोरदार बरसात ने हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अलग अलग इलाकों में तबाही मचाई. शहर में लैंडस्लाइड की घटनाओं के साथ-साथ पेड़ गिरने से भी भयंकर नुकसान हुआ. ऐसे में नगर निगम शिमला ने शहर में असुरक्षित पेड़ों को काटने का अभियान छेड़ा और बहुत से पेड़ काटे गए. मगर इसको लेकर अब शिमला के पूर्व उप महापौर टिकेंद्र पंवर ने सवाल खड़े किए हैं और नगर निगम के पेड़ काटने के दौरान कई पेड़ गैर-जरूरी रूप से काटने का आरोप लगाया है.
शिमला नगर निगम के पूर्व उप महापौर टिकेंद्र पंवर ने कहा कि शिमला शहर के वातावरण पर यहां के पेड़ों का बड़ा प्रभाव है और पेड़ यहां के वातावरण को ठंडा रखने में मदद करते हैं. टिकेंद्र ने कहा कि शहर में बरसात के दौरान हुई तबाही के बाद नगर निगम शिमला शहर में असुरक्षित पेड़ों को कटवा रही है.
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उन्होंने कहा कि एक कमेटी बनाकर शहर के असुरक्षित पेड़ों को काटने का अभियान चलाया जा रहा है और आपदा घोषित होने के चलते सभी काम जिला प्रशासन की ओर से किया जा रहे हैं. लेकिन ऐसा देखने में आया है कि शहर में कुछ ऐसे पेड़ भी काटे जा रहे हैं जिन्हें काटने की कोई जरूरत नहीं है. टिकेंद्र ने मांग करते हुए कहा कि शहर में सजगता के साथ केवल असुरक्षित पेड़ों की ही कटाई होनी चाहिए और साथ ही पेड़ लगाने की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि एक पेड़ के बदले पांच पेड़ कम से कम लगाया जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा नगर निगम तय करे की जिन इलाकों में पेड़ काटे गए हैं वहां किसी तरह का निर्माण न किया जाए और शिमला शहर को बेतहाशा कंस्ट्रक्शन से बचाया जाए।
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