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शिमला , 27 नवंबर [ विशाल सूद ] ! केंद्र सरकार की मजदूर, किसान, कर्मचारी व जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ सीटू व हिमाचल किसान सभा के बैनर तले चले तीन दिवसीय महापड़ाव के अंतिम दिन आज प्रदेशभर से आए सैंकड़ों आउटसोर्स व ठेका मजदूर, होटल, टूरिस्ट गाइड, रेहड़ी फड़ी तयबजारी सैहब सोसाइटी मजदूर, बीबीएन के औद्योगिक व कोविड कर्मी शामिल हुए। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि यह तीन दिवसीय महापड़ाव मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपये घोषित करने, मजदूर विरोधी चार लेबर कोडों को रद्द करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करने सहित मांगो से है। उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार आई है मजदूर व किसान विरोधी फैसले लिए गए हैं। किसने और मजदूरों को विवश होकर आंदोलन करने पड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही है जिससे मजदूरों व किसानों का शोषण हो रहा है।
शिमला , 27 नवंबर [ विशाल सूद ] ! केंद्र सरकार की मजदूर, किसान, कर्मचारी व जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ सीटू व हिमाचल किसान सभा के बैनर तले चले तीन दिवसीय महापड़ाव के अंतिम दिन आज प्रदेशभर से आए सैंकड़ों आउटसोर्स व ठेका मजदूर, होटल, टूरिस्ट गाइड, रेहड़ी फड़ी तयबजारी सैहब सोसाइटी मजदूर, बीबीएन के औद्योगिक व कोविड कर्मी शामिल हुए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि यह तीन दिवसीय महापड़ाव मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपये घोषित करने, मजदूर विरोधी चार लेबर कोडों को रद्द करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करने सहित मांगो से है।
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उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार आई है मजदूर व किसान विरोधी फैसले लिए गए हैं। किसने और मजदूरों को विवश होकर आंदोलन करने पड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही है जिससे मजदूरों व किसानों का शोषण हो रहा है।
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