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शिमला ! शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में शुक्रवार को अस्पताल के कमेटी हॉल में कंट्रास्ट सीटी स्कैन को लेकर प्रेस वार्ता आयोजित की गई। वार्ता की अध्यक्षता अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर जनक राज ने की। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार मरीजों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में सरकार की ओर से अब गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए राहत प्रदान की जा रही है। इसके तहत अब आईजीएमसी में गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए कंट्रास्ट सीटी स्कैन में कंट्रास्ट इंजेक्शन की सुविधा निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। शरीर के किसी अंग में गंभीर बीमारी जांचने के लिए आमतौर पर कंट्रास्ट सीटी स्कैन की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस प्रक्रिया में मरीज को कंट्रास्ट (दवाई) इंजेक्शन के माध्यम से खून में दवाई डाली जाती है और इसके बाद बीमारी की जांच के लिए सिटी स्कैन करवाया जाता है। हालांकि अस्पताल में आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजना के तहत आने वाले लाभार्थियों को यह सुविधा पहले से निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है लेकिन प्रदेश सरकार ने कार्ड धारकों के अलावा अन्य मरीजों को लाभ पहुंचाने के लिए यह विशेष कदम उठाया है। सामान्य तौर पर मरीजों को इस इंजेक्शन के लिए मेडिकल दवाओं की दुकानों में दो हजार रुपए चुकाने होते हैं, ऐसे में मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ जाता है। मरीजों पर पड़ रहा आर्थिक बोझ कम करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। वहीं रेडियोलोजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अनुपम जोबटा ने बताया की विभाग में आमतौर पर करीब 80 फीसद मरीजों को साधारण सीटी स्कैन करवाने की जरूरत पड़ती है लेकिन 10 से 20 फीसद मरीजों को कंट्रास्ट सिटी करवाने की सलाह दी जाती है ।
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