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शिमला ! हिमाचल किसान सभा ने फतेहपुर बिना पूर्व सूचना के फतेहपुर के मंड क्षेत्र में अस्थाई अनाज मंडी को बन्द करने पर रोष जताया है और भाजपा सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की है। किसान सभा ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि रियाली की मण्डी को भाजपा सरकार ने बदले की भावना से बन्द करवाया है। फतेहपुर में चुनाव हारने के बाद तुरन्त यह फैसला लेना सरकार की दुर्भावना और किसान विरोधी चेहरे को उजागर करता है। स्थानीय किसानों का कहना है कि सरकारी सूचना के मुताबिक 30 नवंबर तक सरकारी खरीद की जानी थी परन्तु इससे पहले ही खरीद रोक दी गई। बिना नोटिस और पूर्व सूचना के पोर्टल से रियाली का नाम भी हटा दिया गया। एफसीआई ने मंडी बंद किये जाने का कारण बताया कि अनाज मंडी रियाली में किसानों की आमद कम है। जबकि किसानों का कहना है अभी भारी मात्रा में धान की फसल खेतों में खड़ी है और किसानों को फसल बेचने की चिंता हो रही है। किसानसभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तँवर ने सरकार और एफसीआई को लताड़ लगाते हुए चेतावनी दी है कि अगर जल्दी ही इस मंडी में धान की खरीद शुरू नहीं हुई तो किसान सभा मंड किसान संयुक्त संघर्ष समिति फतेहपुर-इंदौरा, जिला कांगड़ा के साथ मिलकर किसानों को लामबंद करके आन्दोलन करेगी। किसानसभा अध्यक्ष ने एफसीआई के मण्डी में कम आमद वाले तर्क को सिरे से नकारते हुए कहा कि एफसीआई सरकार के इशारों पर काम करते हुए छोटे किसानों के विरोध में फैसला कर रही है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसान नेता ने कहा कि मण्डी एफसीआई या भाजपा की बपौती या ज़रखरीद नहीं है बल्कि सार्वजनिक परिसम्पत्ति है और किसानों की सुविधा के लिए बनाई गई है। डॉ. तँवर ने कहा कि क्या भाजपा सरकार स्पष्ट करे कि उसने सिर्फ चुनाव होने तक किसानों को मूर्ख बनाने के लिए यह मण्डी खोली थी। अब जबकि चुनाव खत्म हो गए हैं और भाजपा को करारी आर का सामना करना पड़ा है तो उसने मण्डी बन्द कर दी। किसान सभा ने कहा कि इसका खामियाज़ा भाजपा को 2022 के चुनाव में भी भुगतना पड़ेगा। वहीं उन्होंने एफसीआई को भी कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर वह अपना फैसला नहीं पलटती है तो किसानसभा उसका घेराव करेगी।
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