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शिमला ! हिमाचल प्रदेश के करीब 4 हजार 700 जिला परिषद कर्मचारियों ने पेन डाउन स्ट्राइक पर जाने का फैसला लिया है। 25 जून को हुई हिमाचल कैबिनेट बैठक से इन कर्मचारियों को राहत की उम्मीद थी, लेकिन बैठक में इनकी मांगों पर फैसला न आने के चलते इन कर्मचारियों में काफी रोष है। ऐसे में प्रदेश भर के जिला परिषद कर्मचारी पेन डाउन स्ट्राइक पर चले गए हैं। इन कर्मचारियों का कहना है कि जब तक इन कर्मचारियों को ग्रामीण विकास विभाग या पंचायती राज विभाग में शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। जिला परिषद कार्यालय महासंघ के पदाधिकारी मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर चुके हैं। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने मांगों को जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक इन कर्मचारियों की मांगों पर गौर नहीं किया गया है। हिमाचल प्रदेश में साल 1999 से जिला परिषद काडर के कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इन कर्मचारियों को अभी तक विभाग में शामिल नहीं किया गया है। इस वजह से इन कर्मचारियों को अन्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की तरह वित्तीय लाभ नहीं मिल पा रहे हैं। यहां तक कि पंचायती राज विभाग में कार्यरत नियमित कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ मिल गया है, लेकिन जिला परिषद काडर कर्मचारियों को अभी तक एंप्लॉय आई.पी. नंबर और कोड भी मुहैया नहीं करवाए गए हैं। अगर प्रदेश सरकार कर्मचारियों को विभागों में विलय कर लेता है, तो इनकी मांगें एक ही बार में हो जाएंगी। राज्य कार्यकारिणी के आह्वान पर मंगलवार को प्रदेश भर में जिला परिषद कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी पेन डाउन स्ट्राइक पर चले गए हैं और यह हड़ताल अनिश्चितकाल तक जारी रहेगी। यदि प्रदेश सरकार इनकी मांगों पर जल्द ही कोई फैसला करती है, तभी यह हड़ताल खत्म होगी और कार्यालयों में फिर से काम शुरू हो पाएगा।
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