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शिमला , 31 मार्च [ विशाल सूद ] ! शिक्षा विभाग द्वारा एक्सपोजर विजिट पर विदेश भेजे गए शिक्षकों की चयन प्रक्रिया पर प्रदेश अध्यापक संघ ने सवाल उठाए हैं और चयन प्रक्रिया के लिए तय किए मापदंड को गलत करार दिया है। शिमला में पत्रकार वार्ता कर प्रदेश अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि शिक्षा विभाग ने एक्सपोजर विजिट के लिए गलत मापदंड बनाएं हैं और उन मापदंडों को भी दरकिनार कर शिक्षा निदेशालय ने चयन प्रक्रिया में धांधली की है जिसकी निष्पक्ष जांच सरकार को करनी चाहिए। वीरेंद्र चौहान ने कहा कि शिक्षा विभाग ने मनमर्जी कर योग्य अध्यापकों को चयन से बाहर किया और ऐसे अध्यापकों को एक्सपोजर विजिट पर भेजा जो तय मापदंड पूरा नहीं करते हैं इसको लेकर अध्यापक संघ ने सरकार से जांच की मांग की है। शिक्षा विभाग में अध्यापकों की विभिन्न श्रेणियों के हजारों पद खाली चल रहे हैं जिन्हें शीघ्र भरा जाना चाहिए तभी शिक्षा में गुणवत्ता आएंगी और सरकारी स्कूलों में बच्चों की एनरोलमेंट भी बढ़ेगी। इसके अलावा सरकार ने दो साल का अनुबंध पूरा करने के बाद नियमतीकरण के लिए साल में एक बार ही 31 मार्च की तारीख तय की है जबकि इससे पहले साल में दो बार नियमित किया जाता था सरकार पुरानी व्यवस्था को जारी रखे और अभी 31 मार्च को दो साल अनुबंध पूरा करने वाले अध्यापकों और कर्मचारियों को चुनाव आयोग से अनुमति लेकर नियमित करें।
शिमला , 31 मार्च [ विशाल सूद ] ! शिक्षा विभाग द्वारा एक्सपोजर विजिट पर विदेश भेजे गए शिक्षकों की चयन प्रक्रिया पर प्रदेश अध्यापक संघ ने सवाल उठाए हैं और चयन प्रक्रिया के लिए तय किए मापदंड को गलत करार दिया है।
शिमला में पत्रकार वार्ता कर प्रदेश अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि शिक्षा विभाग ने एक्सपोजर विजिट के लिए गलत मापदंड बनाएं हैं और उन मापदंडों को भी दरकिनार कर शिक्षा निदेशालय ने चयन प्रक्रिया में धांधली की है जिसकी निष्पक्ष जांच सरकार को करनी चाहिए।
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वीरेंद्र चौहान ने कहा कि शिक्षा विभाग ने मनमर्जी कर योग्य अध्यापकों को चयन से बाहर किया और ऐसे अध्यापकों को एक्सपोजर विजिट पर भेजा जो तय मापदंड पूरा नहीं करते हैं इसको लेकर अध्यापक संघ ने सरकार से जांच की मांग की है।
शिक्षा विभाग में अध्यापकों की विभिन्न श्रेणियों के हजारों पद खाली चल रहे हैं जिन्हें शीघ्र भरा जाना चाहिए तभी शिक्षा में गुणवत्ता आएंगी और सरकारी स्कूलों में बच्चों की एनरोलमेंट भी बढ़ेगी।
इसके अलावा सरकार ने दो साल का अनुबंध पूरा करने के बाद नियमतीकरण के लिए साल में एक बार ही 31 मार्च की तारीख तय की है जबकि इससे पहले साल में दो बार नियमित किया जाता था सरकार पुरानी व्यवस्था को जारी रखे और अभी 31 मार्च को दो साल अनुबंध पूरा करने वाले अध्यापकों और कर्मचारियों को चुनाव आयोग से अनुमति लेकर नियमित करें।
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