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शिमला ! वीरेंद्र चौहान ने कहा है की पिछले 2 दिन पहले 31 जनवरी 2021 को घुमारवीं में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम पर कुछ शिक्षकों ने राज्य स्तरीय बैठक की और उसमें हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम और logo का इस्तेमाल किया गया । भले ही किसी भी इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया ने उसकी कवरेज नहीं की है क्योंकि यह संगठन वास्तव में कोई संगठन ही नहीं है यही वजह है की मीडिया ने भी इसे हल्के मे लिया। हिमाचल प्रदेश के समस्त शिक्षकों को बताना चाहता हूं कि ये लोग पहले से ही हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ से निष्कासित है और यह उन लोगों का टोला हैं जो चुनाव के डर से मैदान छोड़कर भाग गए थे और संगठन को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे इसलिए हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ से ऐसे स्वार्थी व भगोडो का कोई लेना देना नहीं है। सभी शिक्षकों से जो हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के इतिहास व काम पर विश्वास रखते हैं, उनसे आग्रह है कि वह इस तरह के किसी बहकावे में ना आए और साथ ही आपको विश्वास दिलाना चाहते है कि हिमाचल राज्य अध्यापक संघ जो 1957 से लेकर आज तक लगातार संघर्ष कर रहा है जिसका पिछले 8 सालों से वीरेंद्र चौहान नेतृत्व कर रहा है उसमें आपके हित बिल्कुल सुरक्षित है और साथ ही आपको आश्वासन भी देते है कि ऐसे लोगों के खिलाफ हम कानूनी प्रक्रिया के द्वारा विराम लगाएंगे इन्हें न्यायालय की अवमानना का दोषी मानते हुए इनके ऊपर कानूनी कार्रवाई करने का आपको आश्वासन भी देता हूं। माननीय न्यायालय ने पहले ही इन्हें HGTU के नाम से किसी भी तरह के खर्च और कार्यवाही पर रोक लगाई है। साथ ही मैं पूरे इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया का भी आभार करता हूं जिन्होंने इस फ्रॉड संगठन के नाम से किसी भी तरह की कोई कवरेज नहीं दी है । हमने पहले ही सम्मानीय मीडिया को इसके बारे में अवगत करा दिया था की हिमाचल हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम से यदि शिक्षकों को कोई गुमराह करने की कोशिश करें या कोई खबर लगाएं तो वह खबर हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ कि नहीं होगी क्योंकि वर्तमान में संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान है और इसी संगठन को सैद्धांतिक मान्यता है और अखिल भारतीय माध्यमिक शिक्षक महासंघ से संबद्धता प्राप्त है।
शिमला ! वीरेंद्र चौहान ने कहा है की पिछले 2 दिन पहले 31 जनवरी 2021 को घुमारवीं में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम पर कुछ शिक्षकों ने राज्य स्तरीय बैठक की और उसमें हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम और logo का इस्तेमाल किया गया । भले ही किसी भी इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया ने उसकी कवरेज नहीं की है क्योंकि यह संगठन वास्तव में कोई संगठन ही नहीं है यही वजह है की मीडिया ने भी इसे हल्के मे लिया।
हिमाचल प्रदेश के समस्त शिक्षकों को बताना चाहता हूं कि ये लोग पहले से ही हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ से निष्कासित है और यह उन लोगों का टोला हैं जो चुनाव के डर से मैदान छोड़कर भाग गए थे और संगठन को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे इसलिए हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ से ऐसे स्वार्थी व भगोडो का कोई लेना देना नहीं है।
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सभी शिक्षकों से जो हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के इतिहास व काम पर विश्वास रखते हैं, उनसे आग्रह है कि वह इस तरह के किसी बहकावे में ना आए और साथ ही आपको विश्वास दिलाना चाहते है कि हिमाचल राज्य अध्यापक संघ जो 1957 से लेकर आज तक लगातार संघर्ष कर रहा है जिसका पिछले 8 सालों से वीरेंद्र चौहान नेतृत्व कर रहा है उसमें आपके हित बिल्कुल सुरक्षित है और साथ ही आपको आश्वासन भी देते है कि ऐसे लोगों के खिलाफ हम कानूनी प्रक्रिया के द्वारा विराम लगाएंगे इन्हें न्यायालय की अवमानना का दोषी मानते हुए इनके ऊपर कानूनी कार्रवाई करने का आपको आश्वासन भी देता हूं। माननीय न्यायालय ने पहले ही इन्हें HGTU के नाम से किसी भी तरह के खर्च और कार्यवाही पर रोक लगाई है।
साथ ही मैं पूरे इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया का भी आभार करता हूं जिन्होंने इस फ्रॉड संगठन के नाम से किसी भी तरह की कोई कवरेज नहीं दी है । हमने पहले ही सम्मानीय मीडिया को इसके बारे में अवगत करा दिया था की हिमाचल हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम से यदि शिक्षकों को कोई गुमराह करने की कोशिश करें या कोई खबर लगाएं तो वह खबर हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ कि नहीं होगी क्योंकि वर्तमान में संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान है और इसी संगठन को सैद्धांतिक मान्यता है और अखिल भारतीय माध्यमिक शिक्षक महासंघ से संबद्धता प्राप्त है।
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