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लाहौल ! जनजातीय जिला लाहौल के खंगसर घाटी के स्नो फेस्टिवल में बतौर मुख्यातिथि हिमाचल के मुख्य सचिव अनिल खाची ने शिरकत की । वहीं इस दौरान खंगसर गांव के ठाकुर की महल के 108 कमरे वाली ,महल में पूजा अर्चना भी की, ठाकुर की महल में मुख्य सचिव अनिल खाची ने पुराने कल्चर ठाकुरों की पुरानी परंपराओं और उस जमाने में युद्ध में होने वाले अस्त्र शस्त्र को गौर से देखा और कहा, कि ऐसा महल अब शायद कहीं देखने को मिलेगा। यह महल एक भूल भूल्या महल है।यहाँ कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों को सम्मानित किया गया, कोरोना के बीच जिन्होंने घर घर जाकर बच्चों को पढ़ाया क्योंकि यहाँ ऑनलाइन पढ़ाई नही हो रही थी। वहीं स्कूल से हिंदी की अध्यापिका अनीता देवी ने घर घर जाकर प्रश्न पत्र बच्चों को दिये और मेह की अध्यापिका छेरिंग डोलमा ने बच्चों को घर घर जाकर पढ़ाने की कोशिस की और साथ में कवारिंग गावं के 16 सदस्यों को होम स्टे के सर्टिफिकेट भी वितरित किए।
लाहौल ! जनजातीय जिला लाहौल के खंगसर घाटी के स्नो फेस्टिवल में बतौर मुख्यातिथि हिमाचल के मुख्य सचिव अनिल खाची ने शिरकत की । वहीं इस दौरान खंगसर गांव के ठाकुर की महल के 108 कमरे वाली ,महल में पूजा अर्चना भी की, ठाकुर की महल में मुख्य सचिव अनिल खाची ने पुराने कल्चर ठाकुरों की पुरानी परंपराओं और उस जमाने में युद्ध में होने वाले अस्त्र शस्त्र को गौर से देखा और कहा, कि ऐसा महल अब शायद कहीं देखने को मिलेगा। यह महल एक भूल भूल्या महल है।यहाँ कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों को सम्मानित किया गया, कोरोना के बीच जिन्होंने घर घर जाकर बच्चों को पढ़ाया क्योंकि यहाँ ऑनलाइन पढ़ाई नही हो रही थी। वहीं स्कूल से हिंदी की अध्यापिका अनीता देवी ने घर घर जाकर प्रश्न पत्र बच्चों को दिये और मेह की अध्यापिका छेरिंग डोलमा ने बच्चों को घर घर जाकर पढ़ाने की कोशिस की और साथ में कवारिंग गावं के 16 सदस्यों को होम स्टे के सर्टिफिकेट भी वितरित किए।
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