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लाहौल ! पंचायत कोकसर के तेंलिग गांव में पूणा उत्सव धूमधाम से रविवार को संपन्न हो गया ! पूणा उत्सव पांच दिन तक मनाया जाता है ! पर्व के अंतिम दिन लोग ढोल की थाप पर खूब झूमे । पांच दिनों तक चले उत्सव में घाटी के देवी देवताओं को विधिवत पूजा अर्चना की जाती हैं। पहले दिन प्या नाम से पूजा के लिए बने बकरे की मां घुडीनमा और लाहौल घाटी के अधिष्ठाता देवता राजा घेपन को चढ़ाया जाता है । दूसरे दिन प्या की छाग़ंतांग मनाया तथा तीसरे दिन काठू के आटे से बने आइबेक्स बनाकर धनुष वाण चलाए जाता है । चौथे दिन आटे की होली खेली जाती है और अतिंम दिन शरपी लाइमो के अन्तर्गत पुरुष ढोल की थाप पर झूमते झूमते तेलिंग गांव में जश्न मानते है ।
लाहौल ! पंचायत कोकसर के तेंलिग गांव में पूणा उत्सव धूमधाम से रविवार को संपन्न हो गया ! पूणा उत्सव पांच दिन तक मनाया जाता है ! पर्व के अंतिम दिन लोग ढोल की थाप पर खूब झूमे । पांच दिनों तक चले उत्सव में घाटी के देवी देवताओं को विधिवत पूजा अर्चना की जाती हैं। पहले दिन प्या नाम से पूजा के लिए बने बकरे की मां घुडीनमा और लाहौल घाटी के अधिष्ठाता देवता राजा घेपन को चढ़ाया जाता है । दूसरे दिन प्या की छाग़ंतांग मनाया तथा तीसरे दिन काठू के आटे से बने आइबेक्स बनाकर धनुष वाण चलाए जाता है । चौथे दिन आटे की होली खेली जाती है और अतिंम दिन शरपी लाइमो के अन्तर्गत पुरुष ढोल की थाप पर झूमते झूमते तेलिंग गांव में जश्न मानते है ।
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