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लाहौल ! कहते हैं कि अतिथि देवो भव: यह परम्परा सदियों से निभाई जा रही है और आज भी जनजातीय जिला लाहौल घाटी के आर्दश गांव जाहलमा के महिला मंडलों और गांव वालों ने इस परंपरा को बखूबी निभाया है। महिला मंडल द्वारा भारी बारिश के कारण तोजिंग नाले में बाढ आने की वजह से पांगी के 30 यात्रियों का रात के खाने, रहने और ठहरने का महिला मंडल भवन मे प्रबंध किया गया। वाकयदा ही आर्दश गांव जाहलमा ने एक मिसाल कायम की। सच मे जाहलमा महिला मंडलों ने यात्रियों को बस मे बिठाकर मेहमान की तरह विदा किया। यही है लाहौल घाटी देवभूमि की खासियत।
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