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लाहौल , 28 जनवरी [ रंजीत लाहौली ] ! जनजातीय जिला लाहौल घाटी के केलांग में गोची त्यौहार धार्मिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है। गोची त्यौहार एक प्रकार का इष्ट देवी देवताओं के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है। जिनकी कृपा दृष्टि और उपकारों से वह पुत्रहीन परिवार धन्य एंव संपन्न हो जाते हैं। गोची से एक दिन पूर्व लबदग्पा और लाओपा सफेद पटटू का चोगा टोपी पहने श्रृंगार करके सुसज्जित होकर गाँव के उन घरों में जाते हैं जिन परिवार में पूर्व बर्ष में बेटे ने जन्म लिया है। लाहौल घाटी के लोग इस सदियों पुरानी परंपरा और गोची उत्सव को निभा रहे हैं। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
लाहौल , 28 जनवरी [ रंजीत लाहौली ] ! जनजातीय जिला लाहौल घाटी के केलांग में गोची त्यौहार धार्मिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है। गोची त्यौहार एक प्रकार का इष्ट देवी देवताओं के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है। जिनकी कृपा दृष्टि और उपकारों से वह पुत्रहीन परिवार धन्य एंव संपन्न हो जाते हैं।
गोची से एक दिन पूर्व लबदग्पा और लाओपा सफेद पटटू का चोगा टोपी पहने श्रृंगार करके सुसज्जित होकर गाँव के उन घरों में जाते हैं जिन परिवार में पूर्व बर्ष में बेटे ने जन्म लिया है। लाहौल घाटी के लोग इस सदियों पुरानी परंपरा और गोची उत्सव को निभा रहे हैं।- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
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