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लाहौल , 16 जनवरी [ रंजीत लाहोली ] ! जनजातीय जिला लाहौल घाटी में महिलाओं ने फागली उत्सव के तैयारी शुरू कर दी है जो जोरों पर चली है। वही हम अगर बात करें तो लाहौल घाटी के उदयपुर महिला मंडल की जिन्होंने फागली उत्सव के लिए टोपी में जो फूल लगाते हैं लोकल भाषा में( झोंलुणू) कहा जाता है।उदयपुर महिला मंडल ने एक से एक बढ चढ कर इस फूल को कई प्रकार के डिजाइन देकर तैयार कर रहे हैं। आज लाहौल घाटी के उदयपुर महिला मंडलों में इस फूल ( झोंलुणू) की मांग दिन प्रतिदिन बढ रही है। इन महिलाओं का कहना है यह फूल लाहौल घाटी के बुजुर्गों और युवाओं के सिर पर टोपी की शान है। उन्होंने बताया कि इस फूल को सिर्फ देवी देवता को मनाने, हालडा उत्सव, फागली उत्सव व ब्याह, शादी के समारोह में लगाया जाता है। बनने के बाद इस फूल की कीमत 170 रूपये से शुरू हो कर 500 रुपये तक होती है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
लाहौल , 16 जनवरी [ रंजीत लाहोली ] ! जनजातीय जिला लाहौल घाटी में महिलाओं ने फागली उत्सव के तैयारी शुरू कर दी है जो जोरों पर चली है। वही हम अगर बात करें तो लाहौल घाटी के उदयपुर महिला मंडल की जिन्होंने फागली उत्सव के लिए टोपी में जो फूल लगाते हैं लोकल भाषा में( झोंलुणू) कहा जाता है।उदयपुर महिला मंडल ने एक से एक बढ चढ कर इस फूल को कई प्रकार के डिजाइन देकर तैयार कर रहे हैं।
आज लाहौल घाटी के उदयपुर महिला मंडलों में इस फूल ( झोंलुणू) की मांग दिन प्रतिदिन बढ रही है। इन महिलाओं का कहना है यह फूल लाहौल घाटी के बुजुर्गों और युवाओं के सिर पर टोपी की शान है। उन्होंने बताया कि इस फूल को सिर्फ देवी देवता को मनाने, हालडा उत्सव, फागली उत्सव व ब्याह, शादी के समारोह में लगाया जाता है। बनने के बाद इस फूल की कीमत 170 रूपये से शुरू हो कर 500 रुपये तक होती है।
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