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मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 महामारी की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों को इस महामारी के प्रसार को फैलने से रोकने के लिए राज्य में आने वाले पर्यटकों द्वारा कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटकों को प्रदेश में निर्बाध आवाजाही की अनुमति दी है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में पर्यटक प्रदेश में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य एक पर्यटन स्थल होने के कारण प्रतिदिन बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश पर्यटकों का स्वागत करता है, लेकिन साथ ही राज्य सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी पर्यटक को राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार के संबंध में जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन को कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं करने वाले पर्यटकों पर नजर रखने और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने पर्यटकों से राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन करने के अलावा फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने का आग्रह किया। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में कोविड के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है, इसलिए पर्यटकों की संख्या में भी कई गुणा वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्य पर्यटन स्थल जैसे शिमला, मनाली, धर्मशाला आदि बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। होटल व्यवसायियों, ट्रैवल एजेंटों और होम स्टे के मालिकों को भी अपने प्रतिष्ठानों में रहने वाले पर्यटकों को कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार बनाए रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन पर्यटकों के पास मास्क नहीं हैं, उन्हें मास्क प्रदान करने के कार्य में गैर सरकारी संगठनों को सम्मिलित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को ऐसे स्थलों को चिन्हित करना चाहिए, जहां पर्यटकों की आमद अधिक है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थलों में विशेष पुलिस तैनात की जानी चाहिए ताकि लोगों को कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में निर्मित होने वाले मातृ शिशु अस्पतालों का कार्य निधारित समयावधि पर पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की कांटेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। राज्य में आठ पीएसए आॅक्सीजन संयंत्र स्थापित किए गए हैं और 28 अतिरिक्त पीएसए संयंत्र शीघ्र ही स्थापित कर दिए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में आॅक्सीजन की कमी न हो। जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए परीक्षण क्षमता में वृद्धि के अलावा अस्पताल में दाखिल होने पर मरीजों की देखभाल सुविधा में सुधार किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक आॅक्सीजन कन्संट्रेटर के प्रावधान किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि आईसीयू सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के अतिरिक्त उपकरणों की खरीद सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि 8 जुलाई, 2021 तक राज्य में लोगों को वैक्सीनेशन की 41,44,972 खुराकें दी गई हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि कोरोना वायरस मामलों की काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग व सक्रिय खोज पर विशेष बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुकानदार तथा अन्य व्यापारियों को ‘मास्क नहीं, सेवा नहींञ की नीति अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 की सम्भावित तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठा रहा है। मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न मानक संचालन प्रक्रियाओं के पालन के लिए हितधारकों के साथ निरन्तर बैठकों का आयोजन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोविड रोगियों की ट्रेसिंग और ट्रेकिंग पर और अधिक बल दिया जाना चाहिए। मेकशिफ्ट अस्पतालों के प्रभावी रख-रखाव सुनिश्चित करने पर बल दिया जाना चाहिए ताकि कम समयावधि में उनका उपयोग किया जा सके। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। उन्होेंने कोविड-19 की सम्भावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी से सम्बन्धित प्रस्तुति भी दी। सभी उपायुक्तों ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि पर्यटकों और आम जनता को कोविड उपयुक्त व्यवहार के सम्बन्ध में सम्बन्धित जिलों में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैंे। उन्होंने कोविड की सम्भावित तीसरी से निपटने की तैयारी के लिए किए गए प्रबन्धों की भी जानकारी दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. शर्मा, जिला मण्डी, कांगड़ा व लाहौल-स्पीति के उपायुक्त शिमला में उपस्थित थे, जबकि अन्य जिलों के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने अपने-अपने सम्बन्धित जिलों से वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया।
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