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मंडी , 26 जनवरी ! हिमाचल की शान बने किसान नेकराम शर्मा को केंद्र सरकार द्वारा पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को पद्म पुरस्कार विजेताओं के नामों का ऐलान किया है। आज मंडी में आयोजित जिला स्तरीय गणतंत्र समारोह में उन्हे शिक्षा मंत्री ने समाानित किया। उन्होने मीडिया कर्मीयों से आज अपने इस लंबे सफर को सांझा किया।कृषि क्षेत्र में हिमाचल में जिला मंडी के तहत करसोग के नांज गांव के नेकराम शर्मा को पद्मश्री से नवाजा जाएगा। नेकराम शर्मा पिछले करीब 20 सालों से प्राकृतिक खेती से जुड़े हैं और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद 9 अनाजों की पारंपरिक पारंपरिक फसल प्रणाली को पुनर्जीवित करने का नेक कार्य कर रहे हैं। जिसके लिए नेकराम शर्मा को पद्मश्री से नवाजा जाएगा। नाज गांव के साधारण परिवार में जन्मे नेकराम शर्मा वर्ष 1992 से प्राकृतिक खेती से जुड़े हैं। इससे पहले नेकराम शर्मा रसायनिक खेती करते थे, लेकिन लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए नेकराम शर्मा ने जहर वाली खेती को छोड़कर करीब 20 साल पहले 6 बीघा भूमि पर प्राकृतिक खेती की तकनीक से जुड़ने के लिए कदम बढ़ाए। इसके लिए उन्होंने सोलन में स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के प्रोफेसर डॉ जेपी उपाध्याय से ट्रेनिंग के दौरान प्राकृतिक खेती के टिप्स लिए। इसके अतिरिक्त नेकराम शर्मा ने बेगलुरु में स्थित कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय धारवाड़ से भी प्राकृतिक खेती की तकनीक की जानकारी हासिल की। नेक राम शर्मा ने बताया कि यह उनकी जिंदगी का लंबा सफर रहा, वे किसान है उनके पिता दादा भी खेतीबाड़ी करते थे। पढ़ाई करने के बाद वे भी नौकरी की तलाश में भटके लेकिन नौकरी नही मिली जिसके बाद वे खेतीबाड़ी में जुट गए। उनहोने बताया कि उन्हे कभी अवार्ड नही मिला और जब अवार्ड मिल रहा है तो उन्हे यकीन नही हो रहा है। वो बताते है कि ये सपने जैसा है वे अपनी बात मीडिया में नही देते उनका सीधा रिस्ता किसानों से है। उनका मानना है कि जो खेतों में उगेगा वोही पेट में जाएगा। आज बीमारियां चरम सीमा पर पहुंच चुकी है जिसका मुख्य कारण गलत खानपान है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
मंडी , 26 जनवरी ! हिमाचल की शान बने किसान नेकराम शर्मा को केंद्र सरकार द्वारा पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को पद्म पुरस्कार विजेताओं के नामों का ऐलान किया है।
आज मंडी में आयोजित जिला स्तरीय गणतंत्र समारोह में उन्हे शिक्षा मंत्री ने समाानित किया। उन्होने मीडिया कर्मीयों से आज अपने इस लंबे सफर को सांझा किया।कृषि क्षेत्र में हिमाचल में जिला मंडी के तहत करसोग के नांज गांव के नेकराम शर्मा को पद्मश्री से नवाजा जाएगा।
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नेकराम शर्मा पिछले करीब 20 सालों से प्राकृतिक खेती से जुड़े हैं और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद 9 अनाजों की पारंपरिक पारंपरिक फसल प्रणाली को पुनर्जीवित करने का नेक कार्य कर रहे हैं। जिसके लिए नेकराम शर्मा को पद्मश्री से नवाजा जाएगा।
नाज गांव के साधारण परिवार में जन्मे नेकराम शर्मा वर्ष 1992 से प्राकृतिक खेती से जुड़े हैं। इससे पहले नेकराम शर्मा रसायनिक खेती करते थे, लेकिन लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए नेकराम शर्मा ने जहर वाली खेती को छोड़कर करीब 20 साल पहले 6 बीघा भूमि पर प्राकृतिक खेती की तकनीक से जुड़ने के लिए कदम बढ़ाए।
इसके लिए उन्होंने सोलन में स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के प्रोफेसर डॉ जेपी उपाध्याय से ट्रेनिंग के दौरान प्राकृतिक खेती के टिप्स लिए। इसके अतिरिक्त नेकराम शर्मा ने बेगलुरु में स्थित कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय धारवाड़ से भी प्राकृतिक खेती की तकनीक की जानकारी हासिल की।
नेक राम शर्मा ने बताया कि यह उनकी जिंदगी का लंबा सफर रहा, वे किसान है उनके पिता दादा भी खेतीबाड़ी करते थे। पढ़ाई करने के बाद वे भी नौकरी की तलाश में भटके लेकिन नौकरी नही मिली जिसके बाद वे खेतीबाड़ी में जुट गए। उनहोने बताया कि उन्हे कभी अवार्ड नही मिला और जब अवार्ड मिल रहा है तो उन्हे यकीन नही हो रहा है। वो बताते है कि ये सपने जैसा है वे अपनी बात मीडिया में नही देते उनका सीधा रिस्ता किसानों से है।
उनका मानना है कि जो खेतों में उगेगा वोही पेट में जाएगा। आज बीमारियां चरम सीमा पर पहुंच चुकी है जिसका मुख्य कारण गलत खानपान है।
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