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बिलासपुर ! हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड के सौजन्य से चेतना संस्था द्वारा युवाओं को नशे जैसी बुराई से दूर रखने व उन्हें जागरूक करने के लिए राजकीय महा विद्यालय घुमारवीं, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घुमारवीं तथा मिनर्वा पब्लिक स्कूल घुमारवीं में जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता चेतना संस्था के युवा समाज सेवी हरीश नडडा ने की। उन्होंने इस अवसर पर युवाओं को नशे के मक्कड जाल से बचने के तौर तरिके बताए और युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों व इससे दूर रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नशे से बहुत सी जिन्दगीयां तबाह होती जा रही है अगर हमने इसे समय रहते प्रयास नहीं किया तो हमें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे क्योंकि नशा एक बुराई है चाहे वह बीड़ी, सिगरेट, तम्बाखू, गांजा, चरस, अफीम, चिटटा हिरोइन आदि नशे युवाओं को अपनी गिरफत में लेकर अनेक अनमोल जिन्दगीयां तबाह हो रही हैं। उन्होंने युवाओं को आहवान किया कि वे अपने उज्जवल भविष्य को बनाने के लिए अपने लक्ष्य के प्रति सचेत रहे क्योंकि वर्तमान प्रतिस्पर्धा का युग है और इसके लिए कड़ी मेहनत और लग्न से आत्म निर्भरता की ओर बढ़ें। इस अवसर पर मुख्य वक्ता हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड के संयोजक एवं सलाहकार ओपी शर्मा ने सरकारी स्कूल घुमारवीं, कालेज, मिनर्वा स्कूल तीनों जगहों पर एनसीसी,एनएसएस, स्काऊट एंण्ड गाईड आदि 500 से ज्यादा छात्रों अध्यापकों सहित लोगों को नारकोटिक्स, हिरोईन, चिटटा आदि के बारे में विस्तार से प्रकाश डालते हुए जागरूक किया। उन्होंने कहा कि एनसीसी,एनएसएस, महिला मंण्डल, युवक मंण्डलों का नशे के प्रति समृद्विकरण आवश्यक है क्योंकि वे अपनी टीम लीडर की भावना से समाज में फैली नशे जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए अपनी सहभागिता बेहतर तरीके से निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि 16 अगस्त को चेतना संस्था के माध्यम से बिलासपुर में मुख्य आयोजन किया जा रहा है जिसमें महिला मंण्डल, युवक मंण्डल, एनसीसी,एनएसएस के स्वंय सेवीयों की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए सरकार के द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। चाहे वह ड्रग्स या नशे की तस्करी को रोकने की बात हो या फिर जन चेतना अभियान के माध्यम से जन जन को नशे के दुरूपयोग तथा इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना। उन्होंने कहा कि पड़ोस में नार्थ वेस्ट एशिया तथा साऊथ ईस्ट एशिया क्षेत्र के देश नशे के उत्पादन तथा तस्करी में संलिप्त हैं और वे हमारे देश के युवाओं को टारगेट करने में जुटे हुए हैं। लेकिन जहां एक ओर भारतीय सुरक्षा ऐजेन्सियां अर्न्तराष्ट्रीय सीमाओं पर मुस्तैदी से बहुत बड़ी मात्रा में पाक्स्तिान की तरफ से आई खेपों को पकड़ने में सफल हुई हैं। वहीं अब समय आ गया है कि समाज का प्रत्येक वर्ग नशे को अपना दुश्मन मान कर इससे लड़ने के लिए सामूहिक तौर पर प्रयास करें।
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