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बिलासपुर ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉ. प्रकाश दरोच ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों उप स्वास्थ्य केंद्रो, एमसीएच केंद्रों, नागरिक चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केन्द्रों में निश्चित दिन को बच्चों में होने वाली कई जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण शिविर का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण बच्चों के रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाता है और उन्हें विभिन्न जीवाणु और विषाणु से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि इन टीकों को लगाने से बच्चे को टीवी रोग, पोलियो, गलघोटू, काली खांसी, नवजात शिशु टेटनस, खसरा आदि बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। यह टीके लगाने है जरूरी इसके अतिरिक्त टीकाकरण कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान 4 सप्ताह के अंतराल में डीटी के दो टीके लगाए जाते हैं। यह टीका मां और बच्चे को गलघोटू व टेटनस बीमारी बचाता है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण के इस वर्तमान कार्यक्रम में नवजात शिशुओं को बीसीजी का टीका जन्म के समय व 1 वर्ष की उम्र तक लगाते हैं। इसके अतिरिक्त हेपेटाइटिस बी 24 घंटे के भीतर और पोलियो की खुराक जन्म के समय व 14 दिन के भीतर लगाया जाता है। बीसीजी का टीका टीवी रोग से बचाव के लिए और हैपेटाइटिस बी का टीका लीवर से संबंधित और पोलियो बीमारी से बचाव हेतु लगाया जाता है। 6 सप्ताह पर बच्चों को पोलियो, रोटावायरस, एफआईपीबी, पीसीबी व पेंटावेलेंट की एक एक खुराक दी जाती है। 10 सप्ताह पर पोलियो, रोटावायरस, पेंटावेलेंट लगभग 1 महीने के अंदर में दी जाती है। 14 सप्ताह पर पोलियो, रोटावायरस, एफआईपीबी, पीसीबी व पेंटावेलेंट के टीके दिए जाते है। 9 माह में विटामिन ए, पोलियो खसरा, एम आर की पहली खुराक और पी सी वी की बूस्टर खुराक दी जाती है। 16 से 24 माह पर बच्चों को पोलियो बूस्टर विटामिन ए, खसरा एम आर की दूसरी खुराक और डीपीटी की पहली बूस्टर दी जाती है। 5 से 6 वर्ष पर डीपीटी की खुराक दी जाती है। 10 वर्ष पर डीटी का एक टीका और 16 वर्ष में भी डीटी का एक टीका लगाया जाता है। डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि बीसीजी का टीका टीवी रोग, हेपेटाइटिस टीका, इससे संबंधित रोग, रोटावायरस टीका, दस्त रोगों से, एफआईपीवी टीका पोलियो बीमारी और पीसीबी बच्चों में निमोनिया और दिमागी बुखार, पेंटावेलेंट टीका बच्चों को पांच घातक रोगों से बचाव करता है। जिनमें गलघोटू, काली खांसी, टेटनस, हेपेटाइटिस और इनफ्लुएंजा से बचाव करता है। उन्होंने सभी गर्भवती मां और बच्चों का समय सारणी के अनुसार टीकाकरण करवाने का आग्रह किया ताकि बच्चों का इन रोगों से बचाव हो सकेें।
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