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बिलासपुर ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ0 प्रकाश दरोच ने बताया कि टी.बी. एक संक्रामक रोग है तथा यह माईकोवैकटीरीयम टयूबरकुलोसिस नामक जीवाणु से संक्रमित व्यक्ति के खांसने व छींकने से हवा द्वारा फैलता है। कुपोषित व्यक्तियों में इसके फैलने की सम्भावना अधिक होती है। उन्होंने बताया कि शीघ्र निदान और इलाज होने पर यह रोग जल्दी ठीक हो जाता है। इसके लिए रोगी को चिकित्सक के परामर्शनुसार डाटस का पूरा कोर्स करना चाहिए। जिला के पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को इस रोग के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि 2023 तक टीबी उन्मुलन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने बताया कि जिला में वर्ष 2021 में 228 टीबी के मरीजों को साधारण टीबी की दवाई के लिए पंजीकृत किया जिसमें से 4 को दवा प्रतिरोधक टीबी (डीआरटीबी) के लिए पंजीकृत किया गया है और इन सबका मुफ्त इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने टीबी रोगियों की सहायता के लिए निक्षय पोषण योजना आरम्भ की है जिसके तहत प्रत्येक टीबी रोगी के पोषण हेतु 500 रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त दवा प्रतिरोधक टीबी (डीआरटीबी) के मरीजों को पोषण आहार के लिए 1500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से राशि वितरित कर लाभान्वित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने टी.बी. को खत्म करने के लिए कई प्रकार के कदम उठाए हैं जैसे कि नैदानिक नैटवर्क का विस्तार, फ्रंटलाईन प्रतिक्रिया, उपचार का पालन, सामुदायिक भागीदारी तथा समय-समय पर विभिन्न प्रकार के विशेष टी.बी. उन्मुलन जागरूकता अभियान व र्कायक्रम चलाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि जिला में बलगम के नमूनों की जांच 15 स्वास्थ्य केद्रों में निःशुल्क करवाई जा रही है। रिजनल आयुर्वेदिक अस्पताल बिलासपुर और आयुर्वेदिक अस्पताल कंदरौर में नये बलगम के जांच केेंद्र बनाए गए हैं और कोई भी व्यक्ति अपने बलगम की जांच करा सकता है। उन्होंने बताया कि इन सैंटरों में अत्याधुनिक तकनीक वाले माइक्रोस्कोप स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि टी.बी. से बचने लिए खांसने व छींकती बार मुंह को कपडे या रूमाल टिशु पेपर से अवश्य ढकें, इधर-उधर न थूकें, अपने बच्चे को बी.सी.जी. का टीका अवश्य लगवाएं, साफ सफाई का विशेष ध्यान दें। उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया है कि प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए सहयोग करें, अगर किसी भी व्यक्ति को दो सप्ताह या इससे अधिक दिन की खांसी हो, हल्का बुखार, भूख कम होना और बजन कम हो तथा बलगम में खून आए तो तुरन्त नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान में जाकर जांच अवश्य करवाएं और मुफ्त इलाज पाएं।
बिलासपुर ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ0 प्रकाश दरोच ने बताया कि टी.बी. एक संक्रामक रोग है तथा यह माईकोवैकटीरीयम टयूबरकुलोसिस नामक जीवाणु से संक्रमित व्यक्ति के खांसने व छींकने से हवा द्वारा फैलता है। कुपोषित व्यक्तियों में इसके फैलने की सम्भावना अधिक होती है।
उन्होंने बताया कि शीघ्र निदान और इलाज होने पर यह रोग जल्दी ठीक हो जाता है। इसके लिए रोगी को चिकित्सक के परामर्शनुसार डाटस का पूरा कोर्स करना चाहिए। जिला के पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को इस रोग के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि 2023 तक टीबी उन्मुलन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
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उन्होंने बताया कि जिला में वर्ष 2021 में 228 टीबी के मरीजों को साधारण टीबी की दवाई के लिए पंजीकृत किया जिसमें से 4 को दवा प्रतिरोधक टीबी (डीआरटीबी) के लिए पंजीकृत किया गया है और इन सबका मुफ्त इलाज किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने टीबी रोगियों की सहायता के लिए निक्षय पोषण योजना आरम्भ की है जिसके तहत प्रत्येक टीबी रोगी के पोषण हेतु 500 रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त दवा प्रतिरोधक टीबी (डीआरटीबी) के मरीजों को पोषण आहार के लिए 1500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से राशि वितरित कर लाभान्वित किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने टी.बी. को खत्म करने के लिए कई प्रकार के कदम उठाए हैं जैसे कि नैदानिक नैटवर्क का विस्तार, फ्रंटलाईन प्रतिक्रिया, उपचार का पालन, सामुदायिक भागीदारी तथा समय-समय पर विभिन्न प्रकार के विशेष टी.बी. उन्मुलन जागरूकता अभियान व र्कायक्रम चलाए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि जिला में बलगम के नमूनों की जांच 15 स्वास्थ्य केद्रों में निःशुल्क करवाई जा रही है। रिजनल आयुर्वेदिक अस्पताल बिलासपुर और आयुर्वेदिक अस्पताल कंदरौर में नये बलगम के जांच केेंद्र बनाए गए हैं और कोई भी व्यक्ति अपने बलगम की जांच करा सकता है। उन्होंने बताया कि इन सैंटरों में अत्याधुनिक तकनीक वाले माइक्रोस्कोप स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि टी.बी. से बचने लिए खांसने व छींकती बार मुंह को कपडे या रूमाल टिशु पेपर से अवश्य ढकें, इधर-उधर न थूकें, अपने बच्चे को बी.सी.जी. का टीका अवश्य लगवाएं, साफ सफाई का विशेष ध्यान दें।
उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया है कि प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए सहयोग करें, अगर किसी भी व्यक्ति को दो सप्ताह या इससे अधिक दिन की खांसी हो, हल्का बुखार, भूख कम होना और बजन कम हो तथा बलगम में खून आए तो तुरन्त नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान में जाकर जांच अवश्य करवाएं और मुफ्त इलाज पाएं।
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