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बिलासपुर ! जिला बिलासपुर में शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए आयाम स्थापित हो रहे है। इसी सन्दर्भ में जिला बिलासपुर की बंदला धार में राजकीय हाईड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज का निर्माण किया गया है। हाईड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज के निर्माण पर लगभग 105 करोड़ रूपए खर्च किए जा रहे हैं। हाईड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज में चार ट्रैड में इंजीनियरिंग की डिग्री मिलेगी जिसमें कंप्यूटर साइंस, मेकेनिकल, सिविल और इलेट्रिकल इंजीनियरिंग स्ट्रीम को मंजूरी दी गई है। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में यह देश में अपनी तरह का पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज है। हाइड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज के खुलने से जहां एक ओर प्रदेश के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने का स्वर्णिम अवसर मिलेगा वहीं प्रदेश में स्थापित विभिन्न पन बिजली परियोजनाओं को आसानी से प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारी मिलेगी। इस काॅलेज में भारतवर्ष से विद्यार्थी इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा ग्रहण करने आएंगे जिससे बिलासपुर शहर भारतवर्ष के मानचित्र पर उभर कर आएगा। तमाम चुनौतियों के बावजूद बंदला की कठिन पहाड़ी क्षेत्र में हाईड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज बनाया गया है जिस पर लगभग 105 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। राजकीय हाईड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज के नए परिसर में प्रथम वर्ष की कक्षाओं और कन्या छात्रावास का शुभारंभ इसी माह प्रदेश के तकनीकी मंत्री डाॅ. राम लाल मार्कण्डेय द्वारा कर दिया गया है। इस नए परिसर का निर्माण एनएचपीसी और एनटीपीसी ने काॅरपोरेट सामाजिक दायित्व योजना के तहत एनपीसीसी के माध्यम से करवाया गया है। काॅलेज में अभी सिविल और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की कक्षाएं चलाई जा रही हैं। काॅलेज में स्थानीय लोगों को रोजगार सुनिश्चित करने की संभावनाएं भी तलाशी जा रही है।
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