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बिलासपुर ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉक्टर प्रकाश दडोच ने बताया कि गर्मियों तथा बरसात के मौसम में दस्त रोग व उल्टियां शिशुओ व बच्चों तथा आम लोगों में हो जाती है। बीमारी ज्यादा होने पर यदि समय पर उसका उपचार न किया गया तो निर्जलीकरण का खतरा हो सकता है। उन्होंने बताया कि दस्त या उल्टियां होने पर शरीर से पानी का निकलना और शरीर का नमक भी निकलता रहता है इस प्रकार शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है जिसे निर्जलीकरण कहते हैं। ऐसी स्थिति में रोगी कमजोर और कुपोषित हो जाता है, गम्भीर निर्जलीकण में रोगी को सामान्य से अधिक प्यास होना, होठ और जीभ का सूख जाना, बच्चे का चिडचिडा स्वभाव होना, अधिक रोना, बच्चे का तालू धंसना और चमडी का लचीलापन कम होना, पेशाव का पीला होना आदि होते हैं। गम्भीर निर्जलीकरण में मरीज को तुरन्त अस्पताल में डाॅक्टर को दिखाएं। अगर दस्त के साथ खून आए या दस्त ठीक न हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। उन्होंने बताया कि दस्त व उल्टियां लगते ही घर पर उपलब्ध पेय पदार्थ पिलाना शुरु करें जैसे चावल का पानी, दाल व सब्जी का पानी, नमकीन लस्सी, शिकंजवी और हल्की चाय तथा जीवन रक्षक घोल (ओ0आर0एस0) भी पिलाएं। उन्होंने बताया कि जल स्रोतों को गंदा न करें उनमें स्नान न करें न ही कपड़े धोए, पेयजल स्रोतों के चारों ओर कंक्रीट की दीवार लगानी चाहिए ताकि वर्षा का पानी उसमें न जाएं, शौच खुले में न जाएं, शौच जाने के लिए शौचालय का ही प्रयोग करें, पीने के लिए क्लोरीन युक्त नल के जल या हैण्ड पम्प के पानी का ही उपयोग करें। आवश्यकता पड़ने पर बावरियों और कुएं के पानी को उबाल कर ही पीए या उसके 15 से 20 लीटर जल मे 1 गोली क्लोरीन की पीस कर डालें उसके कम से कम आधे घण्टे पश्चात ही पानी उपयोग में लाएं। पानी को साफ बर्तन में ढक कर रखें। बरतन से पानी निकालने के लिए हमेशा हैंडल वाले गिलास का उपयोग करें। साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, खाने पीने की चीजों को ढक कर रखें, बासा खाना न खाएं, ताजा खाना खाएं, खाना खाने से पहले और शौच जाने के पश्चात साबुन व पानी से हाथ अच्छी तरह से धोएं, पानी कम से कम 20 मिनट तक उबाल कर ठण्डा करके ही पीए। उसे साफ वरतन मे ढक कर रखें। शौच के लिए शौचालय का ही उपयोग करें। उन्होंने बताया कि शिशुओं एवं बच्चो को राष्ट्रीय टीकाकरण सारिणी के अनुसार समय पर रोटा वायरस के टीके लगवाएं। दस्त होने पर ओ.आर.एस. का घोल पिलाएं। सभी सरकारी अस्पतालों व स्वास्थय केन्द्रों में ओ आर एस और जिंक की गोलियां आदि हमेशा उपलब्ध रहती है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इन बीमारियों के कारणों बचाव तथा उपचार के प्रति जागरूक रहें और ज्यादा जानकारी के लिए नजदीकी आशा कार्यकर्ता व सरकारी स्वास्थ्य संस्थान से सम्पर्क करें।
बिलासपुर ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉक्टर प्रकाश दडोच ने बताया कि गर्मियों तथा बरसात के मौसम में दस्त रोग व उल्टियां शिशुओ व बच्चों तथा आम लोगों में हो जाती है। बीमारी ज्यादा होने पर यदि समय पर उसका उपचार न किया गया तो निर्जलीकरण का खतरा हो सकता है। उन्होंने बताया कि दस्त या उल्टियां होने पर शरीर से पानी का निकलना और शरीर का नमक भी निकलता रहता है इस प्रकार शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है जिसे निर्जलीकरण कहते हैं।
ऐसी स्थिति में रोगी कमजोर और कुपोषित हो जाता है, गम्भीर निर्जलीकण में रोगी को सामान्य से अधिक प्यास होना, होठ और जीभ का सूख जाना, बच्चे का चिडचिडा स्वभाव होना, अधिक रोना, बच्चे का तालू धंसना और चमडी का लचीलापन कम होना, पेशाव का पीला होना आदि होते हैं। गम्भीर निर्जलीकरण में मरीज को तुरन्त अस्पताल में डाॅक्टर को दिखाएं। अगर दस्त के साथ खून आए या दस्त ठीक न हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।
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उन्होंने बताया कि दस्त व उल्टियां लगते ही घर पर उपलब्ध पेय पदार्थ पिलाना शुरु करें जैसे चावल का पानी, दाल व सब्जी का पानी, नमकीन लस्सी, शिकंजवी और हल्की चाय तथा जीवन रक्षक घोल (ओ0आर0एस0) भी पिलाएं। उन्होंने बताया कि जल स्रोतों को गंदा न करें उनमें स्नान न करें न ही कपड़े धोए, पेयजल स्रोतों के चारों ओर कंक्रीट की दीवार लगानी चाहिए ताकि वर्षा का पानी उसमें न जाएं, शौच खुले में न जाएं, शौच जाने के लिए शौचालय का ही प्रयोग करें, पीने के लिए क्लोरीन युक्त नल के जल या हैण्ड पम्प के पानी का ही उपयोग करें।
आवश्यकता पड़ने पर बावरियों और कुएं के पानी को उबाल कर ही पीए या उसके 15 से 20 लीटर जल मे 1 गोली क्लोरीन की पीस कर डालें उसके कम से कम आधे घण्टे पश्चात ही पानी उपयोग में लाएं। पानी को साफ बर्तन में ढक कर रखें। बरतन से पानी निकालने के लिए हमेशा हैंडल वाले गिलास का उपयोग करें।
साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, खाने पीने की चीजों को ढक कर रखें, बासा खाना न खाएं, ताजा खाना खाएं, खाना खाने से पहले और शौच जाने के पश्चात साबुन व पानी से हाथ अच्छी तरह से धोएं, पानी कम से कम 20 मिनट तक उबाल कर ठण्डा करके ही पीए। उसे साफ वरतन मे ढक कर रखें। शौच के लिए शौचालय का ही उपयोग करें।
उन्होंने बताया कि शिशुओं एवं बच्चो को राष्ट्रीय टीकाकरण सारिणी के अनुसार समय पर रोटा वायरस के टीके लगवाएं। दस्त होने पर ओ.आर.एस. का घोल पिलाएं। सभी सरकारी अस्पतालों व स्वास्थय केन्द्रों में ओ आर एस और जिंक की गोलियां आदि हमेशा उपलब्ध रहती है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इन बीमारियों के कारणों बचाव तथा उपचार के प्रति जागरूक रहें और ज्यादा जानकारी के लिए नजदीकी आशा कार्यकर्ता व सरकारी स्वास्थ्य संस्थान से सम्पर्क करें।
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