- विज्ञापन (Article Top Ad) -
बिलासपुर ! जिला बिलासपुर के किसानों को गेहूं बेचने के लिये कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। अब किसान अपनी गेहूं को सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य 1975 रूपये प्रति क़ुइंटल के हिसाब से बेच सकते हैं। इसके लिये गेहूं खरीद केन्द्र, घुमारवीं के स्थित पटटा में खोल दिया गया है। यह जानकारी खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिन्द्र गर्ग ने भारतीय खाद्य निगम के सहयोग से हिमाचल कृषि विभाग और हिमाचल खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के संयुक्त तत्वाधान में घुमारवीं शहर के नजदीक पट्टा में गेहूं की फसल की खरीद के लिए केन्द्र का शुभारम्भ करने के उपरांत दी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार किसानों को फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिये प्रतिबद्व है। इसी श्रृंखला में घुमारवीं के स्थित पटटा में खरीद केन्द्र का कार्य शुरू कर दिया गया है। अब किसान अपनी गेंहू को उपरोक्त केन्द्र में बेचकर अपनी फसल का उचित दाम पा सकते है। उन्होंने बताया कि इस खरीद केन्द्र में बिलासपुर तथा साथ लगते अन्य जिलों के किसान भी इस खरीद केन्द्र का फायदा उठा सकते है। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में लगभग 8 स्थानों पर फसलों के लिए फसल खरीद केन्द्र खोले गए है। उन्होंने बताया कि फसल खरीद केन्द्र खोलने के कारण किसानों को बिचैलियों से राहत मिलेगी तथा किसान अपनी गेंहू की फसल को सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे। उन्होंने बताया कि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है उसी के हिसाब से किसानों को फसल बेचने पर किमत मिलेगी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में काला अम्ब, पाँवटा साहिब, नालागढ, घुमारवीं, जिला ऊना में ऊना और हरोली, कांगड़ा में मण्ड और इन्दौरा 8 स्थानों पर फसल खरीद केन्द्र खोलें गए है ताकि प्रदेश के किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े और न ही बिचैलियों के पास जाना पड़े। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसल के सही दाम मिले इसके लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के दिशा निर्देशों के अनुसार प्रदेश में इस प्रकार के केन्द्र खोले गए है। उन्होंने बताया कि इस बार प्रदेश में 4600 मिट्रिक टन गेहूं की खरीदने का लक्ष्य रखा गया है जिसे निश्चित तौर पर पूरा किया जाएगा। उन्होंने किसानों से आग्रह है कि वह गेहूं की उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने हेतू इस खरीद केन्द्र का लाभ उठाए।उन्होंने कहा कि प्रदेश के सिरमौर में धान का उत्पादन अधिक होता है, वहां के किसानों को अपनी फसल को बेचने के लिए हरियाणा की मण्डियों में जाना पड़ता था तथा जिससे किसानों को अपने फसल के सही दाम नहीं मिलते थे। किसानों के उत्थान के लिए प्रदेश सरकार ने इसे गम्भीरता से लिया और भारतीय खाद्य निगम के साथ बातचीत करके यह तय किया गया है कि धान की फसल तथा आगामी समय में मक्की की भी खरीद की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछली बार से धान की फसल की खरीद शुरू कर दी गई है। जिसमें किसानों ने काफी उत्साह दिखाया और 1300 मिट्रिक टन धान की खरीद की गई। इस अवसर पर भारतीय खाद्य निगम के मण्डलीय अभियन्ता मण्डी वरूण कुमार सूद, प्रबन्धक क्वालिटी कन्ट्रोल टी0एन0शर्मा, प्रबन्धक एफ0सी0आई0 आर0पी0निरूपा के अतिरिक्त कृषि उप निदेशक कुलदीप सिंह पटियाल, क्वालिटी इन्सपैक्टर यशवीर सिंह वर्मा, सचिव सन्दीप गौतम, कृषि उपज मण्डी समिति बिलासपुर उपस्थित रहे।
बिलासपुर ! जिला बिलासपुर के किसानों को गेहूं बेचने के लिये कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। अब किसान अपनी गेहूं को सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य 1975 रूपये प्रति क़ुइंटल के हिसाब से बेच सकते हैं। इसके लिये गेहूं खरीद केन्द्र, घुमारवीं के स्थित पटटा में खोल दिया गया है।
यह जानकारी खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिन्द्र गर्ग ने भारतीय खाद्य निगम के सहयोग से हिमाचल कृषि विभाग और हिमाचल खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के संयुक्त तत्वाधान में घुमारवीं शहर के नजदीक पट्टा में गेहूं की फसल की खरीद के लिए केन्द्र का शुभारम्भ करने के उपरांत दी।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार किसानों को फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिये प्रतिबद्व है। इसी श्रृंखला में घुमारवीं के स्थित पटटा में खरीद केन्द्र का कार्य शुरू कर दिया गया है। अब किसान अपनी गेंहू को उपरोक्त केन्द्र में बेचकर अपनी फसल का उचित दाम पा सकते है। उन्होंने बताया कि इस खरीद केन्द्र में बिलासपुर तथा साथ लगते अन्य जिलों के किसान भी इस खरीद केन्द्र का फायदा उठा सकते है।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में लगभग 8 स्थानों पर फसलों के लिए फसल खरीद केन्द्र खोले गए है। उन्होंने बताया कि फसल खरीद केन्द्र खोलने के कारण किसानों को बिचैलियों से राहत मिलेगी तथा किसान अपनी गेंहू की फसल को सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे। उन्होंने बताया कि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है उसी के हिसाब से किसानों को फसल बेचने पर किमत मिलेगी।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में काला अम्ब, पाँवटा साहिब, नालागढ, घुमारवीं, जिला ऊना में ऊना और हरोली, कांगड़ा में मण्ड और इन्दौरा 8 स्थानों पर फसल खरीद केन्द्र खोलें गए है ताकि प्रदेश के किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े और न ही बिचैलियों के पास जाना पड़े।
उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसल के सही दाम मिले इसके लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के दिशा निर्देशों के अनुसार प्रदेश में इस प्रकार के केन्द्र खोले गए है। उन्होंने बताया कि इस बार प्रदेश में 4600 मिट्रिक टन गेहूं की खरीदने का लक्ष्य रखा गया है जिसे निश्चित तौर पर पूरा किया जाएगा।
उन्होंने किसानों से आग्रह है कि वह गेहूं की उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने हेतू इस खरीद केन्द्र का लाभ उठाए।उन्होंने कहा कि प्रदेश के सिरमौर में धान का उत्पादन अधिक होता है, वहां के किसानों को अपनी फसल को बेचने के लिए हरियाणा की मण्डियों में जाना पड़ता था तथा जिससे किसानों को अपने फसल के सही दाम नहीं मिलते थे।
किसानों के उत्थान के लिए प्रदेश सरकार ने इसे गम्भीरता से लिया और भारतीय खाद्य निगम के साथ बातचीत करके यह तय किया गया है कि धान की फसल तथा आगामी समय में मक्की की भी खरीद की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछली बार से धान की फसल की खरीद शुरू कर दी गई है। जिसमें किसानों ने काफी उत्साह दिखाया और 1300 मिट्रिक टन धान की खरीद की गई।
इस अवसर पर भारतीय खाद्य निगम के मण्डलीय अभियन्ता मण्डी वरूण कुमार सूद, प्रबन्धक क्वालिटी कन्ट्रोल टी0एन0शर्मा, प्रबन्धक एफ0सी0आई0 आर0पी0निरूपा के अतिरिक्त कृषि उप निदेशक कुलदीप सिंह पटियाल, क्वालिटी इन्सपैक्टर यशवीर सिंह वर्मा, सचिव सन्दीप गौतम, कृषि उपज मण्डी समिति बिलासपुर उपस्थित रहे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -