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बिलासपुर ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉ प्रवीण कुमार ने बताया कि कोविड.19 के साथ-साथ दस्त रोग पर भी आम जनता को जानकारी होना जरुरी है जल प्राकृतिक रूप से स्वच्छ होता । जल प्रदूषण के कारण नगरों के सीवरेज तथा नालियों , जल प्रदूषण दैनिक घरेलू कार्यों खाना पकाने स्नान इत्यादि करने जल स्त्रोतों में कपड़े धोने तथा रोग वाहक बैक्टीरिया वायरस प्रोटोजोआ आदि मानव शरीर में पहुंच जाते हैं जिससे हैजा पेचिश आंत्रशोथ दस्त रोग, उल्टी जैसी बीमारियां हो जाती हैं । डा. प्रवीण ने बताया कि दूसरा कारण छोटे बच्चों को बोतल से दूध पिलाना, बिना हाथ धोए भोजन पकाना खाना और खिलाना, मख्यिों से दूषित बासा व खुला रखा भोजन और बन्द बर्तनों में भोजन खाना भी दस्त व उल्टियां जैसे रोगों के कारण बन सकते हैं। गर्मियों तथा बरसात के मौसम में विशेष कर दस्त रोग व उल्टियां शिशुओ, बच्चों तथा आम लोगों में हो जाता है। बीमारी ज्यादा होने पर यदि समय पर उसका उपचार न किया गया तो निर्जलीकरण मनुष्य के लिए घातक हो सकता है। निर्जलीकरण की जानकारी हम सब के लिए होना जरुरी है दस्त या उल्टियां होने पर शरीर से पानी का निकलना और शरीर का नमक भी निकलता रहता है इस प्रकार शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है जिसे निर्जलीकरण (डीहाइडेªशन) कहते हैं। ऐसी स्थिति में रोगी कमजोर और कुपोषि त हो जाता है। उन्होंने बताया कि निर्जलीकरण रोगी के लिए घातक है। निर्जलीकरण सामान्य से अधिक प्यास होना, होठ और जीभ का सूख जाना, बच्चे का चिड़चिड़ा स्वभाव होना, अधिक रोना, बच्चे का तालू धंसना और चमडी का लचीलापन कम होना, पेशाव का पीला होना इत्यादि होते हैं। गम्भीर निर्जलीकरण में मरीज को तुरन्त अस्पताल में डॉक्टर को दिखाएं। अगर दस्त के साथ खून आए या दस्त ठीक न हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें । दस्त का घरेलू उपचार- दस्त व उल्टियां लगते ही आप घर पर उपलब्ध पेय पदार्थ पिलाना शुरु करें जैसे चावल का पानी, दाल व सब्जी का पानी, नमकीन लस्सी सिकंजवी और हल्की चाय तथा जीवन रक्षक घोल (ओ0आर0एस0) भी पिलाएं। दस्त व उल्टियांे से बचाव रू. जल स्रोतों को गंदा न करें एउनमें स्नान न करें न ही कपड़े धोए ए पेयजल स्रोतों के चारों ओर कंक्रीट की दीवार लगानी चाहिए ताकि वर्षा का पानी उसमें न जाए ए शौच खुले में न जाएँए शौच जाने के लिए शौचालय का ही प्रयोग करेंए पीने के लिए क्लोरीन युक्त नल के जल या हैण्ड पम्प के पानी का ही उपयोग करें । आवश्यकता पडने पर बावरियों और कुएं के पानी को उबाल कर ही पीए ए या उसके 15 से 20 लीटर जल मे 1 गोली क्लोरीन की पीस कर डालें उसके कम से कम आधे घण्टे पश्चात ही पानी उपयोग में लाएं । पानी को साफ बर्तन में ढक कर रखें। बरतन से पानी निकालने के लिए हमेशा हैंडल वाले गिलास का उपयोग करें । साफ सफाई का विशेष ध्यान रखेंए व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें ए खाने पीने की चीजों को ढक कर रखें , बासा खाना न खाएं ताजा खाना खाएं एखाना खाने से पहले और शौच जाने के पश्चात साबुन व पानी से हाथ अच्छी तरह से धोएं एपानी कम से कम 20 मिनट तक उबाल कर ठण्डा करके ही पीए । उसे साफ़ वरतन मे ढक कर रखें । शौच के लिए शौचालय का ही उपयोग करें । दस्त रोग के कारण प्राय शरीर में पानी की कमी हो जाती है एजिसे निर्जलीकरण कहा जाता है इसलिए उससे बचने के लिए भोजन में अधिक मात्रा में तरल पदार्थ ले एशिशु या बच्चों को मां का दूध पिलाते रहे । शिशुओं एवं बच्चो को राष्ट्रीय टीकाकरण सारिणी के अनुसार समय पर रोटा वायरस के टीके लगवाएं । दस्त होने पर ओ आर एस का घोल पिलाएं । सभी सरकारी अस्पतालों व स्वास्थय केन्द्रों में ओ आर एस और जिंक की गोलियां आदि हमेशा उपलब्ध रहती है । डॉ प्रवीण कुमार ने लोगों से अपील की है कि वे इन बीमारियों के कारणों बचाव तथा उपचार के प्रति जागरूक रहें और ज्यादा जानकारी के लिए नजदीकी आशा कार्यकर्ता व सरकारी स्वास्थ्य संस्थान से सम्पर्क करें ।
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