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बिलासपुर ! जिला बिलासपुर में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए संचालित योजनाओं, कार्यक्रमों,अधिनियम व नियमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेन्द्र कश्यप ने उपायुक्त कार्यालय के बचत भवन में की। इस अवसर पर चर्चा करते हुए उन्होंने सभी पहलुओं को गौर से छूआ। इस अवसर पर उन्होंने बाद में प्रेस वार्ता के दौरान अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य अनुसूचित जाति आयोग की यह पहली बैठक है और इस आयोग का गठन 2017 में किया गया था परन्तु सही मायने में इसका पुनर्गठन अगस्त 2021 में हुआ है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान तथा इनके सामाजिक, आर्थिक,राजनैतिक व शैक्षणिक विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं का जायजा, शिकायतें और समीक्षा हेतु हर जिला मंे बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन योजनाआंे व कार्यक्रमों को गति देने के लिए बैठकों में विभागाध्यक्ष, आयोग के सदस्य और अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए कार्य कर रही संस्थाओं को बैठकों में शामिल किया जाता है। इन समीक्षा बैठकों के आधार पर आयोग अनुसूचित समाज के समग्र विकास के लिए कारगर नीति तैयार करता र्है। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिये कि वे एटरोसिटी एक्ट के प्रावधानों को कड़ाई के साथ लागु करें तथा जहां भी इस सम्बन्ध में एफआईआर होती है उस पर तुरन्त प्रभाव से कार्यवाही करे ताकि समय पर न्याय मिल सकें। उन्होंने इसके दुरूपयोग पर भी चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने निजि बैकों को आगाह किया कि वे अनूसूचित जाति के शिक्षित युवाओं को आवश्यकतानुसार एजूकेशन लोन उपलब्ध करवायें ताकि कोई भी युवा उच्चतर शिक्षा से वंचित न रहे । उन्होंने कहा कि वे इस सन्दर्भ में अपने लक्ष्य को समय सीमा के अन्दर पूरा करें अन्यथा उन पर उचित करर्यवाही अमल में लाई जा सकती है। श्री कश्यप ने बताया कि जिला में 2011 की जनगणना के अनुसार 3,81,956 में से 98,989 अनुसूचित जाति वर्ग 8898 अल्पसंख्यक हैं तथा वर्तमान में अनुसूचित वर्ग की साक्षरता दर 80.75 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 88.56 प्रतिशत है तथा जिला में अनूसूचित जाति बाहुल जनसंख्यक गांव 389 है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का शत प्रतिशत सदुपयोग हो रहा है और अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषि, उद्यान, पशुपालन, उद्योग, वानिकी,उर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षण, ग्रामीण विकास ,समाजिक कल्याण इत्यादि योजनाओं में लाभाविन्त करने तथा अनूसूचित जाति बाहुल क्षेत्रों में सड़कों एवं पुलों का निमार्ण,पेयजल, सिंचाई,मल निकासी,स्वास्थ्य ,पशु चिकित्सालय व अन्य विभागीय कार्यालय भवनों के कार्यों के लिए धन सामाग्री उपलब्ध करवाई जाती है। जिला मेें 2021-22 में 6,607.53 राशि का प्रावधान कर 5,409.51 राशि खर्च की जा चुकी है तथा विभिन्न विभागों की राज्य योजनानुसार 4815.95 राशि का प्रावधान कर 31 मार्च 2022 तक 4506.08 राशि खर्च कर लगभग94 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा केन्द्रीय प्रयोजित योजना के माध्यम से 2021-22 के लिए 3603.79 राशि का प्रावधन कर 31 मार्च तक 3637.79 राशि खर्च कर शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया है। समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने हरजिन बहुल बस्ति ओयल का भ्रमण कर क्ष्ेात्र में चल रही योजना का निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुना और उनके समाधान के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को आदेश दिये। इसके बाद उन्होंने धार्मिक स्थल मारकण्डा मन्दिर का भी अवलोकन किया। बैठक में झण्डुता के विधायक जे0 आर0 कटवाल, आयोग के माननीय सदस्य जगदीश बग्गा, जिला परिषद अध्यक्षा मुस्कान, ई0एस0ओ0एम0एस0ए0 निदेशक विवेक भाटिया, उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय,ए0एस0पी अमित शर्मा,जिला कल्याण अधिकारी उर्मिल पटियाल,पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि ,विभिन्न संथाओं के पदाधिकारी व सभी विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।
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