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बिलासपुर 31 मई:- अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंजगाईं में विश्व तंबाकू निषेध दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य शिक्षक दीप कुमार ने लोगों को कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए विश्व तंबाकू दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि वर्ष 1988 से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 31 मई हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, इस वर्ष का उद्देश्य “कमिट टू क्विट तंबाकू“ यानी तंबाकू छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध होना। उन्होंने बताया कि वर्तमान में दुनिया भर में 70 लाख से अधिक मौतों का कारण तंबाकू का सेवन है। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख लोग धूम्रपान से मरते हैं और प्रतिदिन 3500 लोग तंबाकू सेवन की वजह से मौत का ग्रास बनते हैं। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में तंबाकू सेवन की दर 24 प्रतिशत घटी है तंबाकू सेवन में हिमाचल प्रदेश का आठवां स्थान है। उन्होंने बताया कि ज्यादा धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को इस कोविड-19 संक्रमण के दौर में सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा 50 प्रतिशत ज्यादा जोखिम का सामना करना पड़ता है। उन्होंने लोगों को बताया कि तमाकू में 4000 से अधिक विषैले पदार्थ पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि तंबाकू नियंत्रण में चुनौतियों में सबसे अधिक कारण लोगों में उसके उपयोग के खतरों के संबंध में समुदाय में कम जागरूकता एक साथ कई तंबाकू उत्पादों का उपलब्ध होना, कम उम्र से ही उपयोग की शुरुआत होना, तंबाकू छुड़वाने के कम केंद्र होना इसके नियंत्रण के मार्ग में आने वाली बाधाएं है। उन्होंने बताया कि धूम्रपान छोड़ने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति की तथा डॉक्टरी परामर्श के साथ-साथ खेल - व्यायाम योग का सहारा लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि सिगरेट एवं तंबाकू उत्पाद निषेध कानून 2003 के अंतर्गत जन संस्थानों तथा शिक्षण संस्थानों में तंबाकू धूम्रपान पर प्रोत्साहन विज्ञापन पर 18 वर्ष से कम लोगों को तंबाकू उत्पादन खरीदना वह बेचने पर प्रतिबंध है। शिक्षा संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का धूम्रपान व सिगरेट बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। तम्बाकू निषेश दिवस के अवसर पर शपथ ली गई कि जीवन में हम कभी किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करेंगे
बिलासपुर 31 मई:- अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंजगाईं में विश्व तंबाकू निषेध दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य शिक्षक दीप कुमार ने लोगों को कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए विश्व तंबाकू दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि वर्ष 1988 से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 31 मई हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, इस वर्ष का उद्देश्य “कमिट टू क्विट तंबाकू“ यानी तंबाकू छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध होना।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में दुनिया भर में 70 लाख से अधिक मौतों का कारण तंबाकू का सेवन है। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख लोग धूम्रपान से मरते हैं और प्रतिदिन 3500 लोग तंबाकू सेवन की वजह से मौत का ग्रास बनते हैं। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में तंबाकू सेवन की दर 24 प्रतिशत घटी है तंबाकू सेवन में हिमाचल प्रदेश का आठवां स्थान है। उन्होंने बताया कि ज्यादा धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को इस कोविड-19 संक्रमण के दौर में सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा 50 प्रतिशत ज्यादा जोखिम का सामना करना पड़ता है। उन्होंने लोगों को बताया कि तमाकू में 4000 से अधिक विषैले पदार्थ पाए जाते हैं।
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उन्होंने बताया कि तंबाकू नियंत्रण में चुनौतियों में सबसे अधिक कारण लोगों में उसके उपयोग के खतरों के संबंध में समुदाय में कम जागरूकता एक साथ कई तंबाकू उत्पादों का उपलब्ध होना, कम उम्र से ही उपयोग की शुरुआत होना, तंबाकू छुड़वाने के कम केंद्र होना इसके नियंत्रण के मार्ग में आने वाली बाधाएं है। उन्होंने बताया कि धूम्रपान छोड़ने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति की तथा डॉक्टरी परामर्श के साथ-साथ खेल - व्यायाम योग का सहारा लेना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सिगरेट एवं तंबाकू उत्पाद निषेध कानून 2003 के अंतर्गत जन संस्थानों तथा शिक्षण संस्थानों में तंबाकू धूम्रपान पर प्रोत्साहन विज्ञापन पर 18 वर्ष से कम लोगों को तंबाकू उत्पादन खरीदना वह बेचने पर प्रतिबंध है। शिक्षा संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का धूम्रपान व सिगरेट बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। तम्बाकू निषेश दिवस के अवसर पर शपथ ली गई कि जीवन में हम कभी किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करेंगे
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