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बिलासपुर ! इस अवसर पर आंवला प्रजाति का पौधा रोपित कर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने व हमारे वायु मण्डल में आक्सीजन की पूर्ति को स्वच्छ तथा वैश्विक तापमान को कम करने में वनों का अति महत्व है तथा प्रदूषण को कम करने के लिए ़ ज्यादा से ज्यादा पेड लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वन मण्डल बिलासपुर द्वारा गत वर्ष 458 हैक्टेयर वन भूमि पर 281518 पौधे रोपित किए जबकि इस वर्ष 567 हैक्टेयर वन भूमि पर 223000 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त वन विभाग ने गत वर्ष 6 जल भंण्डारण स्थलों का कार्यान्वयन किया और इस वर्ष भी वन विभाग द्वारा वन मंण्डल बिलासपुर के अन्तर्गत 10 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं जिनका प्रयोग गांव में सिंचाई करने व अन्य कार्यों के अतिरिक्त जानवरों को पीने के पानी की सुविधा रहेगी। उन्होंने लोगों से आहवान किया कि जनमानस की भागीदारी के साथ इस अभियान को लगातार चलाए रखें ताकि हिमाचल को हरा भरा करने के साथ साथ वन क्षेत्र को बढाया जा सके। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा एक बूटा बेटी के नाम से योजना चलाई जा रही है जिसमें गत वर्ष 21 लाख रूपये खर्च किए गए है तथा इस वर्ष 42 लाख रूपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भराड़ी वन क्षेत्र में मृदा एवं जल संरक्षण कार्य योजना में पिछले पांच वर्षों में विभिन्न कार्यों के लिए लगभग 47 लाख रूपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वतन्त्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है इसी के मध्यनजर प्रदेश सरकार द्वारा भी प्रगतिशील हिमाचल के उपलक्ष पर कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं जिसमें तब और अब के साथ हिमाचल के विकास में सबके योगदान के अतिरिक्त हिमाचल का इतिहास, समृद्वि व विकास की जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम से पूर्व उन्होंने 12 लाख 60 हजार रूपये की लागत से जीर्णोंद्वार किए गए जल भण्डारण स्थल छंजियार का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्य अरण्यपाल अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि इस बीट में 600 से ज्यादा दाडू, आंवला, खैर, बेहड़ा, कचनाल, तुन्नी, बांस और चीड़ के पौधे रोपित किए गए। उन्होंने वन महोत्सव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वन महोत्सव के द्वारा लोगों को वनों का संरक्षण करने के लिए जागरूक करना और वनों के संरक्षण से मिटटी उपजाऊ होती है और वर्षा का संग्रहण होता है और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि चीड़ के जंगलों में अब लोगों के राजमर्रा की उपयोग होने वाली चौड़ी पत्ती के पौधे रोपित किए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से आहवान किया कि देश व प्रदेश को हरा भरा रखने के लिए वन विभाग की योजनाओं को लागू करने में सहयोग करें। इस अवसर पर मंण्डल महामंत्री राजेश शर्मा, पूर्व मण्डलाध्यक्ष नरेन्द्र ठाकुर, बीडीसी के चेयमैन रमेश ठाकुर, महिला मोर्चा की अध्यक्ष कमलेश कुमारी, उपाध्यक्ष बबीता, महामंत्री रेणू, पंचायत समिति के सदस्य सरवण,चमन, सुनीता ठाकुर, राम पाल राणा, प्रधान ग्राम पंचायत अंजना कुमारी, उप प्रधान अमरजीत सहित वन मंण्डलाधिकारी मुख्यालय अश्वनी शर्मा, एसीएफ प्रदीप चौहान, आरओ अंकुश आनंद, अधीशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग दीपक कपिल सहित विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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