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बद्दी ! हिमाचल प्रदेश स्टील इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से बजट में राहत मांगी है। एसोसिएशन ने एक पत्र भेजकर जहां बजट में कई सुझाव दिए वहीं कई करों से राहत व नियमों में सरलीकरण की मांग भी उठाई है। यहां जारी प्रेस बयान में हिमाचल प्रदेश स्टील एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष मेघराज गर्ग, महामंत्री राजीव सिंगला व सुरेंद्र जैन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्टील और लौह उद्योगों पर सरकार ने 37 रुपये प्रति मीट्रीक टन एडिशनल गुडस टैक्स लगा रखा है। यह टैक्स दोनो तरफ से लागू है जिसमें चाहे कच्चे माल की खरीद फरोख्त हो या तैयार माल को बेचना हो। उन्होने कहा कि गुडस एवं सर्विस टैक्स 2017 के 122वें संशोधन में शराब, पैट्रोल व गैस को छोडकर पूरे देश में सब टैक्स जीएसटी में सम्माहित हो गए थे। इसके बाद भी स्टील एवं लौह उद्योग को 37रुपये प्रति मीट्रीक टन देने पर विवश किया जाता रहा है जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने वन टैक्स वन नेशन का नारा दिया था और उसके बाद यह टैक्स भी मर्ज हो जाना चाहिए थे। इसके कारण लोहा उद्योग को अलग से एजीटी (अतिरिक्त गुडस टैक्स) की मासिक व सालाना रिर्टन भरनी पड रही है जो कि एक देश एक टैक्स के नारे के विपरीत है। उन्होने कहा कि अगर एजीटी को एक ट्रांसपोर्ट टैक्स के रुप में देखा जाना है तो यह तर्कसंगत नहीं है क्योंकि हम पहले ही हिमाचल व बीबीएन में ज्यादा मालभाडे की मार झेल रहे हैं। इस कारण से हमारा तैयार माल दूसरे राज्यों के मुकाबले मंहगा तैयार होता है और हम प्रतियोगिता में पिछड जाते हैं। प्रदेशाध्यक्ष मेघराज गर्ग व महामंत्री राजीव सिंगला ने कहा कि हमारे पडोसी राज्य उद्योगों के लिए कई तरह के इनसेंटिव प्रदान कर रहे हैं वहीं इस तरह के एजीटी टैक्स हमारे कारखानों का दम तोड रहा है। एसोसिएशन ने काह कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने 2017 बजट अभिभाषण में स्टील एवं लौह उद्योग को एजीटी से मुक्त करने का वादा किया था लेकिन आज तक वो लागू नहीं हुआ। उन्होने देश, प्रदेश व उद्योग हित में इस अनाधिकृत एजीटी को तुरंत प्रभाव से हटाने का आग्रह किया क्योंकि यह भारत सरकार के नियमों व संविधान का सरेआम उल्लंघना है क्योंकि इससे एक देश एक टैक्स का नारा सार्थक साबित नहीं हो रहा है। इस अवसर पर एसोसिएशन के सदस्य राजेंद्र सिंह, प्रवीण चंदोक, पारस शर्मा, संजीव शर्मा, मनु निकुंज, रमेश अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, ब्रजेश अंबस्टा, राजेश सिंघल, हरप्रीत सिंह सैणी, रेडियंट शर्मा, अनुज अरोडा, ओकांर कंग, मनीष सैणी, संजीव कुमार, सुरेंद्र जैन व गौरव अग्रवाल भी उपस्थित थे।
बद्दी ! हिमाचल प्रदेश स्टील इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से बजट में राहत मांगी है। एसोसिएशन ने एक पत्र भेजकर जहां बजट में कई सुझाव दिए वहीं कई करों से राहत व नियमों में सरलीकरण की मांग भी उठाई है। यहां जारी प्रेस बयान में हिमाचल प्रदेश स्टील एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष मेघराज गर्ग, महामंत्री राजीव सिंगला व सुरेंद्र जैन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्टील और लौह उद्योगों पर सरकार ने 37 रुपये प्रति मीट्रीक टन एडिशनल गुडस टैक्स लगा रखा है। यह टैक्स दोनो तरफ से लागू है जिसमें चाहे कच्चे माल की खरीद फरोख्त हो या तैयार माल को बेचना हो। उन्होने कहा कि गुडस एवं सर्विस टैक्स 2017 के 122वें संशोधन में शराब, पैट्रोल व गैस को छोडकर पूरे देश में सब टैक्स जीएसटी में सम्माहित हो गए थे। इसके बाद भी स्टील एवं लौह उद्योग को 37रुपये प्रति मीट्रीक टन देने पर विवश किया जाता रहा है जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने वन टैक्स वन नेशन का नारा दिया था और उसके बाद यह टैक्स भी मर्ज हो जाना चाहिए थे। इसके कारण लोहा उद्योग को अलग से एजीटी (अतिरिक्त गुडस टैक्स) की मासिक व सालाना रिर्टन भरनी पड रही है जो कि एक देश एक टैक्स के नारे के विपरीत है।
उन्होने कहा कि अगर एजीटी को एक ट्रांसपोर्ट टैक्स के रुप में देखा जाना है तो यह तर्कसंगत नहीं है क्योंकि हम पहले ही हिमाचल व बीबीएन में ज्यादा मालभाडे की मार झेल रहे हैं। इस कारण से हमारा तैयार माल दूसरे राज्यों के मुकाबले मंहगा तैयार होता है और हम प्रतियोगिता में पिछड जाते हैं। प्रदेशाध्यक्ष मेघराज गर्ग व महामंत्री राजीव सिंगला ने कहा कि हमारे पडोसी राज्य उद्योगों के लिए कई तरह के इनसेंटिव प्रदान कर रहे हैं वहीं इस तरह के एजीटी टैक्स हमारे कारखानों का दम तोड रहा है। एसोसिएशन ने काह कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने 2017 बजट अभिभाषण में स्टील एवं लौह उद्योग को एजीटी से मुक्त करने का वादा किया था लेकिन आज तक वो लागू नहीं हुआ। उन्होने देश, प्रदेश व उद्योग हित में इस अनाधिकृत एजीटी को तुरंत प्रभाव से हटाने का आग्रह किया क्योंकि यह भारत सरकार के नियमों व संविधान का सरेआम उल्लंघना है क्योंकि इससे एक देश एक टैक्स का नारा सार्थक साबित नहीं हो रहा है। इस अवसर पर एसोसिएशन के सदस्य राजेंद्र सिंह, प्रवीण चंदोक, पारस शर्मा, संजीव शर्मा, मनु निकुंज, रमेश अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, ब्रजेश अंबस्टा, राजेश सिंघल, हरप्रीत सिंह सैणी, रेडियंट शर्मा, अनुज अरोडा, ओकांर कंग, मनीष सैणी, संजीव कुमार, सुरेंद्र जैन व गौरव अग्रवाल भी उपस्थित थे।
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