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बद्दी ! बरोटीवाला के कुल्हाड़ीवाला स्थित गत्ता उद्योग और ग्रामीणों के बीच में प्रदूषण को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है तहसीलदार बद्दी के नेतृत्व में आज उद्योग को टेस्ट के लिए चालू किया गया। प्लांट चलते ही प्रदूषण विभाग ने उसके सैंपल लिए। तहसीलदार मुकेश शर्मा का कहना है कि अगर सैंपल की रिपोर्ट सही आती है तो कल से प्लांट को चालू कर दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर से ग्रामीणों का कहना है कि तहसीलदार ने बिना ग्रामीणों को सूचित किए आज प्लांट में टेस्ट कराया है। अगर प्रदूषण कम नहीं हुआ तो वह तहसील कार्यालय का घेराव करेंगे। और अगर नौबत पड़ी तो आत्मदाह करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। ग्रामीण गुरमीत चौधरी, लीला देवी, गुरमीत कौर, सुमन, किरणा देवी, निर्मल,प्रदीप चौधरी, कपूर चंद, सोनी देवी ने बताया कि दो दिन पहले तहसीलदार के नेतृत्व में कंपनी संचालकों के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया था कि ग्रामीणों के सामने प्लांट के सैंपल लिए जाएंगे और तभी प्लांट को टेस्ट के लिए चालू किया जाएगा लेकिन बुधवार को बिना किसी ग्रामीण को सूचना दिए तहसीलदार द्वारा प्लांट को बिना ग्रामीणों की मौजूदगी में टेस्ट के लिए चालू करवाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि जब उद्योगपति द्वारा पिछले वर्षों में हुए समझौतों के बाद भी उद्योग में कोई भी सुधार नहीं किया गया वही अब 2 दिन के अंदर कंपनी के संचालक द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए ऐसा कौन सा कदम उठा लिया कि तहसीलदार बद्दी द्वारा समझौते के दिन मौजूद सभी ग्रामीणों का इंतजार तक भी नहीं किया गया जबकि गांव के लगभग 70 लोगों के सामने तहसीलदार बद्दी ने मौखिक बयान दिया था कि जब तक ग्रामीणों के सामने उद्योग की जांच पूरी नहीं होती तब तक उद्योग को नहीं चलाया जाएगा तो प्रशासन द्वारा जिस तरह की कार्रवाई की गई उस से ग्रामीणों में रोष है जिसके बाद सभी ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उद्योग का प्रदूषण बंद नहीं हुआ तो जो जो ग्रामीण उद्योग के प्रदूषण से परेशान है वह सभी मिलकर तहसील कार्यालय बद्दी का घेराव करेंगे या आखिर में आत्मदाह करने से भी पीछे नहीं हटेंगे क्यों इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी ना तो प्रशासन और ना ही सरकार उनकी मदद कर रही है जबकि उनके द्वारा पिछले चार-पांच वर्षों से इस उद्योग के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएम हेल्पलाइन पोलूशन बोर्ड और तो और एनजीटी तक का दरवाजा ग्रामीणों द्वारा खटखटाया जा चुका है पर ना तो प्रशासन और ना ही सरकार ने उद्योग के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई की ग्रामीणों का कहना है कि जब कोई भी ग्रामीणों का साथ देने को तैयार नहीं है तो प्रदूषण के जहर से रोज रोज मरने से अच्छा है कि वह एक बार में ही अपने आप को खत्म कर ले क्योंकि उनके घर में बुजुर्ग भी है और छोटे बच्चे भी और पेपर मिल के जहरीले प्रदूषण से आए दिन कोई ना कोई घर का व्यक्ति बीमार रहता है अगर सरकार और प्रशासन के लिए उनकी जिंदगी से ज्यादा उद्योग का चलना जरूरी है तो उनके पास कोई रास्ता नहीं बचेगा जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार ,तहसीलदार बद्दी और उद्योग प्रबंधन की होगी। वहीं ग्रामीण महिलाओं ने उद्योग द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण की हाल ही की कुछ तस्वीरें भी सांझा की उधर, तहसीलदार मुकेश शर्मा ने बताया कि पटवारी के माध्यम से सभी लोगों को सूचित किया गया था तथा आज प्लांट को टेस्ट करने से पहले भी मोबाइल फोन पर लोगों को सूचना दी गई थी। लेकिन पंचायत प्रधान को छोड़ कर कोई भी व्यक्ति नहीं पहुंचा। उन्होंने बताया कि अगर प्रदूषण विभाग से रिपोर्ट सही आती है तो कल से प्लांट को चालू कर दिया जाएगा।
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