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बद्दी ! प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-नालागढ़ में किसानों को खाद न मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिन डिपूओं में थोड़ी बहुत खाद आ भी रही है वहां किसानों की लंबी कतारें लगने के कारण किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। 100 बीघा भू मालिकों को मात्र एक-एक बोरी खाद लेकर लौटना पड़ रहा है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एंव दून के पूर्व विधायक राम कुमार चौधरी ने बताया कि उन्हें पिछले 10-15 दिनों से फोन आ रहे हैं कि डिपुओं में खाद नहीं मिल रही। चौधरी ने कहा कि ऐसी परिस्थिति आजादी से लेकर आज तक कभी नहीं हुई। कांग्रेस पार्टी के समय में हर गांव में गरीब लोगों की सुविधा के लिए सस्ते राशन के डिपो खोले गए गरीब किसानों को सुविधा देने के लिए सस्ते बीज के केंद्र खोले गए सब्सिडाइज खाद लोगों को समय पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाती थी। लेकिन जब से केंद्र व राज्य में यह पूंजीपतियों को स्पोर्ट करने वाली सरकार सत्ता में आई है तब से लेकर किसानों पर अत्याचार हो रहे हैं। किसानों की उपज बेचने वाली मंडियों को बंद कर दिया गया है किसानों की फसलों के दाम में भारी कमी आई है। जो मक्की पिछले सालों में 2000 रुपये प्रति क्विंटल बिकती थी वह आज 1200 रु प्रति क्विंटल बिकी है। जो धान की बोरी 3500-4000 में बिकती थी आज वे 1800 रुपये में बिकी है। राम कुमार चौधरी ने कहा कि जो खाद की बोरी 50 किलो की 250 रुपए में मिलती थी आज वह बोरी घटाकर 45 किलो कर दी गई उसके बावजूद उसका रेट 1200 रुपए कर दिया गया। रेट की भी छोड़ो अब मार्केट में खाद की ब्लैक मार्केटिंग हो रही है डिपो में खाद नाम की कोई चीज नहीं है। राम कुमार चौधरी ने कहा कि मेरा सरकार से सवाल है कि जो कांग्रेस पार्टी ने किसानों के लिए खाद बनाने की फैक्ट्री लगाई थी जो चल रही है। चौधरी ने कहा कि मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि उन खाद बनाने वाली फैक्ट्रियों की खाद कहां जा रही है। मुझे लगता है कि वह खाद जो भारत के और हिमाचल के किसानों को मिलनी चाहिए थी, उसे पड़ोसी राज्य पाकिस्तान जैसे देशों को एक्सपोर्ट किया जा रहा है ऐसी मेरी शंका है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से शीघ्र अति शीघ्र 5-7 दिन में दूंन व नालागढ़ और अन्य प्लेन इलाकों जहां जहां पर किसानों की ज्यादा खाद की खपत है वहां पर उनकी मांग के अनुसार पिछले समय के अनुसार खाद उपलब्ध कराएं वरना किसानों को एक आंदोलन का बिगुल बजाना पड़ेगा। क्योंकि यह सरकार रूटीन वाले कामों के लिए भी बिना आंदोलन के काम नहीं कर रही है। इसलिए इस को जगाने के लिए ऐसे आंदोलन की जरूरत पड़ रही है। इससे पहले कभी भी इन जरूरी चीजों खाद बीज दवाइयों के लिए किसानों को दर-दर नहीं भटकना पड़ता था। आज दर-दर भटकने के साथ-साथ भारी-भरकम रेटों में भी खाद बीज उपलब्ध नहीं। है यह बड़े शर्म की बात है कि केवल और केवल किसान को मारने और किसान का गला घोटने का काम है सरकार कर रही है जो एक बहुत ही निंदनीय है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राम कुमार चौधरी ने कहा कि शीघ्र अति शीघ्र किसानों को खाद की सप्लाई सुचारू रूप से करें। इसके साथ साथ समय रहते गेहूं की कटाई से पहले नालागढ़ व दून में गेहूं खरीद की मंडियों का निरीक्षण कर उनका भी प्रबंध करें।
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