
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
धर्मशाला 03 मार्च ! पुणे में रहने बाले अप्रवासी हिमाचलियों में अन्य महानगरों की तर्ज पर पुणे में भी हिमाचली संगठन का गठन किया और इसकी पहली औपचारिक बैठक का एक रेस्टॉरेंट में आयोजन किया गया जिसमे सभी सदस्यों में हिमाचल से जुडी यादों को साँझा किया और पहाड़ी भाषा में बार्तालाप किया और पहाड़ी गानों पर मनोरंजन किया। पुणे में रहने वाले हिमाचली समुदाय ने एक यादगार सम्मेलन का आयोजन किया। उन्होंने गाँवों की यादों को न केवल ताजा किया बल्कि एक दूसरे के साथ साझा भी किया। इस समारोह में युवा और वरिष्ठ नागरिक दोनों शामिल हुए, जिन्होंने हिमाचली भाषा में बातचीत करते हुए ख़ुशियों और हंसी की महफ़िल सजाई। आज उपस्थित सदस्यों में सबसे वरिष्ठ सदस्य श्री बी ऐल शर्मा जी ने डोगरी भाषा में माता जी की भेट सुनाई और सबको अपने संस्कृति और संस्कारों से जुड़े रहने की प्रेरणा दी। समारोह के बाद, भविष्य की योजना के लिए मिलकर हर तिमाही में इस तरह के समारोहों को आयोजित करने का संकल्प किया, ताकि प्रदेश से दूर एक दूसरे की भावनाओं को साझा किया जा सके। कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने इसे एक संतुलित जीवनशैली के लिए भी महत्वपूर्ण माना और यहाँ पर प्रदेश की अपनी भाषा में बातचीत करके अपनी आत्मा को शांत करने की बात कही। आगे की योजना में, समुदाय और अधिक लोगों को शामिल करने की भी चाहत रखता है, और हाल ही में हिमाचल समुदाय बैंगलोर द्वारा आयोजित कार्यक्रम की तर्ज़ पर पुणे में भी हिमाचली धाम युक्त कार्यक्रम की भी चाहत रखता है। आज का यह सम्मेलन पुणे में बसे हिमाचली लोगों के बीच एकता और सहयोग की भावना को मजबूत करने में मददगार साबित हुआ।
धर्मशाला 03 मार्च ! पुणे में रहने बाले अप्रवासी हिमाचलियों में अन्य महानगरों की तर्ज पर पुणे में भी हिमाचली संगठन का गठन किया और इसकी पहली औपचारिक बैठक का एक रेस्टॉरेंट में आयोजन किया गया जिसमे सभी सदस्यों में हिमाचल से जुडी यादों को साँझा किया और पहाड़ी भाषा में बार्तालाप किया और पहाड़ी गानों पर मनोरंजन किया।
पुणे में रहने वाले हिमाचली समुदाय ने एक यादगार सम्मेलन का आयोजन किया। उन्होंने गाँवों की यादों को न केवल ताजा किया बल्कि एक दूसरे के साथ साझा भी किया।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
इस समारोह में युवा और वरिष्ठ नागरिक दोनों शामिल हुए, जिन्होंने हिमाचली भाषा में बातचीत करते हुए ख़ुशियों और हंसी की महफ़िल सजाई। आज उपस्थित सदस्यों में सबसे वरिष्ठ सदस्य श्री बी ऐल शर्मा जी ने डोगरी भाषा में माता जी की भेट सुनाई और सबको अपने संस्कृति और संस्कारों से जुड़े रहने की प्रेरणा दी।
समारोह के बाद, भविष्य की योजना के लिए मिलकर हर तिमाही में इस तरह के समारोहों को आयोजित करने का संकल्प किया, ताकि प्रदेश से दूर एक दूसरे की भावनाओं को साझा किया जा सके। कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने इसे एक संतुलित जीवनशैली के लिए भी महत्वपूर्ण माना और यहाँ पर प्रदेश की अपनी भाषा में बातचीत करके अपनी आत्मा को शांत करने की बात कही।
आगे की योजना में, समुदाय और अधिक लोगों को शामिल करने की भी चाहत रखता है, और हाल ही में हिमाचल समुदाय बैंगलोर द्वारा आयोजित कार्यक्रम की तर्ज़ पर पुणे में भी हिमाचली धाम युक्त कार्यक्रम की भी चाहत रखता है।
आज का यह सम्मेलन पुणे में बसे हिमाचली लोगों के बीच एकता और सहयोग की भावना को मजबूत करने में मददगार साबित हुआ।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -