- विज्ञापन (Article Top Ad) -
धर्मशाला ! राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रखे गए विभिन्न कर्मचारियों ने बुधवार को राज्य स्वास्थ्य समिति अनुबंध कर्मचारी के आह्वान पर धर्मशाला में अपनी मांगों को लेकर एक दिन की हड़ताल की, जिसमें उन्होंने अपने कामकाज को बंद रखा। उन्होंने इस बात को लेकर भारी रोष देखा गया कि पिछले 23 सालों से अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रख रहे हैं, मगर सरकार द्वारा उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। स्वास्थ्य समिति धर्मशाला के महासचिव बक्शीश सिंह ने धर्मशाला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया सरकार से एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न 28 कैटेगरीज में अनुबंध पदों विगत 25 वर्षों से मैडीकल ऑफिसर, कंसलटेंट, फिजियोथेरेफिस्ट, अकाउंटेंट, ब्लाक प्रोग्रेम मैनेजर, बीसीसी कोआर्डीनेटर, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, मैक्रोबैयोलॉजिस्ट, रिहैबिलिटेशन वर्कर, स्टेटिस्टिकल असिस्टेंट, डेंटल मैकेनिक, डेंटल असिस्टेंट, डेंटल हाइजेनिस्ट, फार्मासिस्ट, डीआर टीवी कोआर्डीनेटर, डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रेम कोआर्डीनेटर, सीनियर टीवी लैब सुपरवाइजर, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर, लैब टेक्नीशियन, टीवी हेल्थ विजिटर, डिस्ट्रिक्ट एडमिनस्ट्रेटिव कम प्रोग्रेम असिटेंट, न्यूट्रिशन कौंसलर, फीमेल हैल्थ वर्कर, एएनएम, कम्प्यूटर असिस्टेंट, डाटा इंट्री आपरेटर, ड्राइवर, कुक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन आज तक इन अनुबंध कर्मचारियों को रेगुलर करने को लेकर सरकार द्वारा कोई भी नीति नही बनाई गई है। जिससे इनका भविष्य पूर्णतया असुरक्षित है। उनकी मांग है कि कर्मचारियों को नियमित रुप से नौकरी प्रदान की जाए तथा हमारे लिए कोई ठोस नीति बनाई जाए। कोरोना काल में हम कर्मचारियों ने जो योगदान दिया है वे किसी ने भी नही दिया। इस महामारी के दौरान हमने अपानी जान की परवाह न करते हुए लोगों के प्राणों की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि हमें सरकार द्वारा जो वेतन दिया जा रहा है उससे परिवार को पालन-पोषण करना मुश्किल हो चुका है। उन्होंने कहा हमारे उपर जो अधिकारी हैं वे भी हमसे सही ढंग से पेश नही आते। प्रदेश सरकार हमारी मांगों को मानने में आनाकानी कर रही है। उन्होंने कहा प्रदेश भर में 1700 कर्मचारी हैं, जबकि जिला कांगड़ा में 220 कर्मचारी कार्यरत है। उन्होंने कहा अपनी मांगों को लेकर वे कई बार सरकार के मंत्रियों से भी मिल चुके हैं, मगर हमारी समस्या का अभी तक कोई हल नही निकल पाया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अगर हमारी मांगों को शीघ्र पूरा नही किया गया तो हमें बड़े अंदोलन का रास्ता अपना पड़ेगा, क्योंकि पिछले 23 वर्षों से हम अपनी मांगों को लेकर सरकार के दरवाजे को खटखटा रहें हैं।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -