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धर्मशाला ,06 फरवरी ! हिमाचल कांग्रेस सरकार को अपने ही विधायक घेरने में जुट गए है। पहले राजेन्द्र राणा। ने भर्तियों को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर सवाल खड़े किए वही अब सुधीर भी मुखर हो गए है और लंबित परिणामो को जल्द घोषित करने की सलाह दी है। धर्मशाला में मीडिया के साथ बातचीत के दौरान सुधीर शर्मा ने कहा कि उनके हाथ में सरकार की गाड़ी का न तो स्टीयरिंग है और न ही गियर। सुधीर शर्मा से भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के सुक्खू सरकार के बैक गियर वाले बयान को लेकर सवाल पूछा गया था. यह पहली बार नहीं है, जब बयान के जरिए विधायक सुधीर शर्मा की नाराजगी इस तरह खुलकर सामने आई हो। कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा ने जल्द से जल्द के जेओए - आईटी के अभ्यर्थियों का रिजल्ट घोषित किए जाने की भी बात कही है. सुधीर शर्मा ने कहा कि अभ्यर्थी लंबे वक्त से परेशान हैं। ऐसे में उनका रिजल्ट जल्द से जल्द घोषित किया जाना चाहिए. बता दें कि सुधीर शर्मा लंबे वक्त से मंत्री पर दिए जाने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें सुक्खू मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा एक मात्र ऐसे विधायक हैं जो वीरभद्र सिंह की कैबिनेट में तो मंत्री रहे, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है. उनसे जूनियर विधायकों को मंत्री पद मिल गया, लेकिन सुधीर शर्मा के हाथ अब भी खाली हैं। सुधीर शर्मा की गिनती वीरभद्र कैबिनेट में सबसे शक्तिशाली मंत्रियों में होती रही. अब वीरभद्र के 'वीर' को सुक्खू कैबिनेट का 'सुख' नहीं मिल पा रहा है.हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल में 12 सदस्य हो सकते हैं. कैबिनेट में अब मुख्यमंत्री को मिलाकर सदस्यों की संख्या 11 हो चुकी है। अब भी मंत्री का एक पद खाली पड़ा हुआ है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस मंत्री पद को भरा जा सकता है. इससे पहले पूर्व भाजपा सरकार में जिला कांगड़ा से तीन मंत्री रहे. इनमें सरवीन चौधरी, बिक्रम सिंह ठाकुर और किशन कपूर शामिल थे। साल 2019 में किशन कपूर के सांसद बनने के बाद नूरपुर से विधायक रहे राकेश पठानिया को साल 2020 में कैबिनेट में शामिल किया गया मौजूदा वक्त में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में कांगड़ा से दो ही मंत्री हैं। ऐसे में एक और मंत्री जिला कांगड़ा से बनाए जाने की संभावना अब भी बरकरार है।
धर्मशाला ,06 फरवरी ! हिमाचल कांग्रेस सरकार को अपने ही विधायक घेरने में जुट गए है। पहले राजेन्द्र राणा। ने भर्तियों को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर सवाल खड़े किए वही अब सुधीर भी मुखर हो गए है और लंबित परिणामो को जल्द घोषित करने की सलाह दी है। धर्मशाला में मीडिया के साथ बातचीत के दौरान सुधीर शर्मा ने कहा कि उनके हाथ में सरकार की गाड़ी का न तो स्टीयरिंग है और न ही गियर।
सुधीर शर्मा से भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के सुक्खू सरकार के बैक गियर वाले बयान को लेकर सवाल पूछा गया था. यह पहली बार नहीं है, जब बयान के जरिए विधायक सुधीर शर्मा की नाराजगी इस तरह खुलकर सामने आई हो।
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कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा ने जल्द से जल्द के जेओए - आईटी के अभ्यर्थियों का रिजल्ट घोषित किए जाने की भी बात कही है. सुधीर शर्मा ने कहा कि अभ्यर्थी लंबे वक्त से परेशान हैं।
ऐसे में उनका रिजल्ट जल्द से जल्द घोषित किया जाना चाहिए. बता दें कि सुधीर शर्मा लंबे वक्त से मंत्री पर दिए जाने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें सुक्खू मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।
धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा एक मात्र ऐसे विधायक हैं जो वीरभद्र सिंह की कैबिनेट में तो मंत्री रहे, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है. उनसे जूनियर विधायकों को मंत्री पद मिल गया, लेकिन सुधीर शर्मा के हाथ अब भी खाली हैं।
सुधीर शर्मा की गिनती वीरभद्र कैबिनेट में सबसे शक्तिशाली मंत्रियों में होती रही. अब वीरभद्र के 'वीर' को सुक्खू कैबिनेट का 'सुख' नहीं मिल पा रहा है.हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल में 12 सदस्य हो सकते हैं. कैबिनेट में अब मुख्यमंत्री को मिलाकर सदस्यों की संख्या 11 हो चुकी है।
अब भी मंत्री का एक पद खाली पड़ा हुआ है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस मंत्री पद को भरा जा सकता है. इससे पहले पूर्व भाजपा सरकार में जिला कांगड़ा से तीन मंत्री रहे. इनमें सरवीन चौधरी, बिक्रम सिंह ठाकुर और किशन कपूर शामिल थे।
साल 2019 में किशन कपूर के सांसद बनने के बाद नूरपुर से विधायक रहे राकेश पठानिया को साल 2020 में कैबिनेट में शामिल किया गया मौजूदा वक्त में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में कांगड़ा से दो ही मंत्री हैं। ऐसे में एक और मंत्री जिला कांगड़ा से बनाए जाने की संभावना अब भी बरकरार है।
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