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धर्मशाला , 03 अप्रैल ! प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में डॉ. राजेश गुलेरी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा (सीएमओ) का पदभार संभाला है। इससे पहले डॉ राजेश गुलेरी जोनल अस्पताल धर्मशाला में सीनियर मेडिकल सुपरीटेंडेंट के पद पर कार्यरत थे। इससे पहले वह सीएमओ चम्बा के रूप में भी कार्य कर चुके हैं और साल 2015 से 2018 तक जिला स्वास्थ्य अधिकारी कांगड़ा के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। मीडिया से मुख़ातिब होते हुये डॉ गुलेरी ने कहा कि उन्होंने बतौर बीएमओ और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 5 साल किए गए कार्यों के आधार पर उन्हें लगता है कि कमजोर कड़ी मॉनिटरिंग इवेल्यूशन की है। धरातल पर चल रहे कार्यों की नियमित तौर पर समीक्षा और मूल्यांकन करके यह जानने का प्रयास किया जाए कि कौन से ऐसे क्षेत्र हैं जहां जितना हम चाहते हैं, उतनी बेहतर सुविधाएं लोगों को उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। मेरा प्रयास रहेगा कि खंड स्तर से पीएचसी और हेल्थ वर्कर तक इस सुपरविजन मॉनिटरिंग को सुदृढ़ किया जाए। जिला स्तर से खंड स्तर की मॉनिटरिंग सुदृढ़ की जाए। खंड स्तर पर बैठकों का आयोजन करके यह पता लगाया जाएगा कि किस तरह लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा सकें। इसके अलावा अस्पतालों में लोगों को दी जा रही सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के प्रयास किए जाएंगे।
धर्मशाला , 03 अप्रैल ! प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में डॉ. राजेश गुलेरी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा (सीएमओ) का पदभार संभाला है। इससे पहले डॉ राजेश गुलेरी जोनल अस्पताल धर्मशाला में सीनियर मेडिकल सुपरीटेंडेंट के पद पर कार्यरत थे।
इससे पहले वह सीएमओ चम्बा के रूप में भी कार्य कर चुके हैं और साल 2015 से 2018 तक जिला स्वास्थ्य अधिकारी कांगड़ा के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। मीडिया से मुख़ातिब होते हुये डॉ गुलेरी ने कहा कि उन्होंने बतौर बीएमओ और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 5 साल किए गए कार्यों के आधार पर उन्हें लगता है कि कमजोर कड़ी मॉनिटरिंग इवेल्यूशन की है।
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धरातल पर चल रहे कार्यों की नियमित तौर पर समीक्षा और मूल्यांकन करके यह जानने का प्रयास किया जाए कि कौन से ऐसे क्षेत्र हैं जहां जितना हम चाहते हैं, उतनी बेहतर सुविधाएं लोगों को उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। मेरा प्रयास रहेगा कि खंड स्तर से पीएचसी और हेल्थ वर्कर तक इस सुपरविजन मॉनिटरिंग को सुदृढ़ किया जाए।
जिला स्तर से खंड स्तर की मॉनिटरिंग सुदृढ़ की जाए। खंड स्तर पर बैठकों का आयोजन करके यह पता लगाया जाएगा कि किस तरह लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा सकें। इसके अलावा अस्पतालों में लोगों को दी जा रही सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के प्रयास किए जाएंगे।
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