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धर्मशाला , 22 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! पहले रोजगार और फिर सरकार के कथित महिला विरोधी वक्तव्य के खिलाफ शुक्रवार को भाजपा के विधानसभा से दूसरी बार वाक आउट के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने कहा कि विपक्ष ने सदन में चर्चा से बचने के लिए वाक आउट का सहारा लिया । मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे सुबह से ही पता था कि विपक्ष वाक आउट करेगा । उन्हें वाक आउट करने का कोई बहाना चाहिए था जो मिल गया । 2 साल में सरकार का जो पैसा लैप्स हुआ है, वह लगभग 24 सौ करोड़ के बराबर है । यही विपक्ष के वाक आउट का कारण बन गया क्योंकि उनके पास बोलने का कोई मौका नहीं था । इससे पहले विपक्षी सदस्यों के सदन के बाहर डिग्री जलाने को लेकर सीएम ने कहा कि यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है । हमें इससे एतराज नहीं है हमें दुख इस बात का है कि डिग्रियों में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का नाम लिखा था। अगर डिग्री बनानी ही थी तो किसी और विश्वविद्यालय का नाम लिखते। उन्होंने कहा कि इसी तरह यह लोगों को ठगते आए हैं और इससे साफ जाहिर होता है कि उनके कार्यकाल में भर्तियों में भी धांधली हुई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने विधानसभा में इतने सारे प्रश्न लगाए हुए थे, बेहतर होता कि वह सारे प्रश्नों का जवाब सुनते। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष कभी गोबर को लेकर तो कभी चोला पहनकर विरोध करता है। जब सत्ता पक्ष ने मुझसे यह कहा तो हमने कहा कि वे आजाद हैं। आप चूड़ी और साड़ी पहन कर भी आ सकते हैं। हमने इसमें किसी का अपमान नहीं किया है । विपक्ष जब दूध बेच रहा था तो वह किसानों का मजाक नहीं था । उन्होंने कहा कि विपक्ष अपने ही बुने जाल में खुद फसता जा रहा है
धर्मशाला , 22 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! पहले रोजगार और फिर सरकार के कथित महिला विरोधी वक्तव्य के खिलाफ शुक्रवार को भाजपा के विधानसभा से दूसरी बार वाक आउट के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने कहा कि विपक्ष ने सदन में चर्चा से बचने के लिए वाक आउट का सहारा लिया । मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे सुबह से ही पता था कि विपक्ष वाक आउट करेगा । उन्हें वाक आउट करने का कोई बहाना चाहिए था जो मिल गया ।
2 साल में सरकार का जो पैसा लैप्स हुआ है, वह लगभग 24 सौ करोड़ के बराबर है । यही विपक्ष के वाक आउट का कारण बन गया क्योंकि उनके पास बोलने का कोई मौका नहीं था । इससे पहले विपक्षी सदस्यों के सदन के बाहर डिग्री जलाने को लेकर सीएम ने कहा कि यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है । हमें इससे एतराज नहीं है हमें दुख इस बात का है कि डिग्रियों में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का नाम लिखा था।
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अगर डिग्री बनानी ही थी तो किसी और विश्वविद्यालय का नाम लिखते। उन्होंने कहा कि इसी तरह यह लोगों को ठगते आए हैं और इससे साफ जाहिर होता है कि उनके कार्यकाल में भर्तियों में भी धांधली हुई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने विधानसभा में इतने सारे प्रश्न लगाए हुए थे, बेहतर होता कि वह सारे प्रश्नों का जवाब सुनते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष कभी गोबर को लेकर तो कभी चोला पहनकर विरोध करता है। जब सत्ता पक्ष ने मुझसे यह कहा तो हमने कहा कि वे आजाद हैं। आप चूड़ी और साड़ी पहन कर भी आ सकते हैं। हमने इसमें किसी का अपमान नहीं किया है । विपक्ष जब दूध बेच रहा था तो वह किसानों का मजाक नहीं था । उन्होंने कहा कि विपक्ष अपने ही बुने जाल में खुद फसता जा रहा है
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