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धर्मशाला , 05 अक्टूबर ! पूर्व मंत्री एवं सुलह के विधायक विप परमार ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को बने 10 माह का समय बीत चुका है तथा सरकार के मुखिया सुविंदर सिंह सुक्खू बार-बार एक ही राग आलाप रहे हैं कि प्रदेश का खजाना खाली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने बक्तव्य के माध्यम से विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन को भी सुक्खू की सरकार पूरी तरहं से ठीक नही कर पाई है। उन्होंने कहा कि आपदा को लेकर जिन लोगों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसा दिया उसका भी सही ढंग से प्रयोग नही हुआ तथा इसकी भी बंदवांअ हुई है। विपन परमार ने कहा कि हिमाचल की आर्थिकी को लेकर सरकार विधान सभा में जो स्वेत पत्र लाई थी वे भी एक झूट का पुलींदा था। उन्होंने कहा लोगों के ध्यान को भटकाने के लिए यह स्वेत पत्र लाया गया तथा या आंकड़ों का माया जाए था। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार ने जो 862 करोड़ रुपये 6 हजार मकान मकानों के लिए, 2600 करोड़ रुपयो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, 400 करोड़ रुपया सेंटर रोड़ फंड से दिया है, एनडीआरएफ की और से 200 करोड़ रुपया एडवांस दिया है। उन्होंने कहा कि जनता तो अब यह बोल रही है कि गारंटिया देना सरकार के बस की बात नही। अपनी गारंटियों को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार केंद्र पर पैसे देने का दबाव बना रही है। उन्होंने कहा के गुंगी व बेहरी सुखविंदर सिंह की सरकार हमारी बात नही सुन रही है। विधान सभा में चींख-चींख कर तथ्यों के साथ हमने आपनी बात को रखा, परंतु विपक्ष की आवाज को दवाया गया। उन्होंने कहा कि जिन कोरोना यौद्धाओं ने बुरे बक्त में काम किया आज वे नौकरी के लिए धरने देने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस लोकसभा चुनावों के बाद महिलाओं को 1500 रुपये देने की बात कर रही है। उन्होंने कहा जो हालत सरकार की आज है ऐसी हालत पहले कभी भी नही देखी। उन्होंने कहा यह दोस्तों की सरकार है जो मस्त है और जनता त्रस्त है।
धर्मशाला , 05 अक्टूबर ! पूर्व मंत्री एवं सुलह के विधायक विप परमार ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को बने 10 माह का समय बीत चुका है तथा सरकार के मुखिया सुविंदर सिंह सुक्खू बार-बार एक ही राग आलाप रहे हैं कि प्रदेश का खजाना खाली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने बक्तव्य के माध्यम से विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन को भी सुक्खू की सरकार पूरी तरहं से ठीक नही कर पाई है।
उन्होंने कहा कि आपदा को लेकर जिन लोगों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसा दिया उसका भी सही ढंग से प्रयोग नही हुआ तथा इसकी भी बंदवांअ हुई है। विपन परमार ने कहा कि हिमाचल की आर्थिकी को लेकर सरकार विधान सभा में जो स्वेत पत्र लाई थी वे भी एक झूट का पुलींदा था।
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उन्होंने कहा लोगों के ध्यान को भटकाने के लिए यह स्वेत पत्र लाया गया तथा या आंकड़ों का माया जाए था। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार ने जो 862 करोड़ रुपये 6 हजार मकान मकानों के लिए, 2600 करोड़ रुपयो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, 400 करोड़ रुपया सेंटर रोड़ फंड से दिया है, एनडीआरएफ की और से 200 करोड़ रुपया एडवांस दिया है।
उन्होंने कहा कि जनता तो अब यह बोल रही है कि गारंटिया देना सरकार के बस की बात नही। अपनी गारंटियों को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार केंद्र पर पैसे देने का दबाव बना रही है। उन्होंने कहा के गुंगी व बेहरी सुखविंदर सिंह की सरकार हमारी बात नही सुन रही है। विधान सभा में चींख-चींख कर तथ्यों के साथ हमने आपनी बात को रखा, परंतु विपक्ष की आवाज को दवाया गया।
उन्होंने कहा कि जिन कोरोना यौद्धाओं ने बुरे बक्त में काम किया आज वे नौकरी के लिए धरने देने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस लोकसभा चुनावों के बाद महिलाओं को 1500 रुपये देने की बात कर रही है। उन्होंने कहा जो हालत सरकार की आज है ऐसी हालत पहले कभी भी नही देखी। उन्होंने कहा यह दोस्तों की सरकार है जो मस्त है और जनता त्रस्त है।
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