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शिमला ! तकनीकी शिक्षा एवं जनजातीय विकास मंत्री डाॅ. रामलाल मारकंडा और खाद्य, नागरिक एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिंद्र गर्ग ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा आज विधानसभा में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तुत किए गए बजट को लोक आकांक्षाओं का प्रतीक करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रदेश के संतुलित एवं तीव्र विकास और समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है। डाॅ. मारकंडा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का संकल्प लिया है। टाॅप 100 छात्रवृत्ति योजना शुरू करने और 100 स्कूलों में मैथ लेग की स्थापना करना प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये कोचिंग एवं कैरियर काँउसलिंग सुविधा प्रदान की जाएगी। शिक्षा प्रणाली को प्रभावी बनाने और इसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हिम दर्पण शिक्षा एकीकृत पोर्टल की स्थापना की जाएगी। विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 100 क्लस्टर स्कूलों, 68 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों और 9 महाविद्यालयों को स्मार्ट सुविधाओं से लैस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा विभाग के 400 करोड़ रुपये के आठ संस्थान जनता को समर्पित किये जायेंगे जो ज्यूरी, सुन्दरनगर, कुमारसेन, अर्की, गंगथ, करसोग, रैहन, बन्दला में स्थित हैं। सरकार ने आईटी और एसएमसी शिक्षकों के मानदेय में बढ़ौतरी करने का भी प्रस्ताव रखा है। राजिंद्र गर्ग ने कहा कि स्वर्ण जयन्ती नारी सम्बल योजना के अन्तर्गत 65 से 69 वर्ष की वरिष्ठ महिलाओं को एक हजार रुपये प्रति माह सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जाएगी जो एक सराहनीय कदम है। शगुन नाम से एक नई योजना शुरू होगी जिसके अन्तर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के बीपीएल परिवारों की बेटियों को विवाह के समय 31 हज़ार रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती-खुशहाल किसान योजना के अन्तर्गत 50 हज़ार किसान परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2022 तक अनुसूचित जाति वर्ग के सभी पात्र आवेदकों को घर की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, सिलाई अध्यापिका, पंचायत चैकीदार, शिक्षा विभाग के पार्ट टाईम वाटर कैरियर और मिड डे मील वर्कर, राजस्व विभाग के अंशकालिक वर्कर और नम्बरदार, जल गार्ड, पैरा फिटर, पम्प आॅपरेटर के मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। मंत्री ने न्यूनतम दिहाड़ी 300 रुपये प्रतिदिन करने की घोषणा का भी स्वागत किया है।
शिमला ! तकनीकी शिक्षा एवं जनजातीय विकास मंत्री डाॅ. रामलाल मारकंडा और खाद्य, नागरिक एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिंद्र गर्ग ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा आज विधानसभा में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तुत किए गए बजट को लोक आकांक्षाओं का प्रतीक करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रदेश के संतुलित एवं तीव्र विकास और समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है।
डाॅ. मारकंडा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का संकल्प लिया है। टाॅप 100 छात्रवृत्ति योजना शुरू करने और 100 स्कूलों में मैथ लेग की स्थापना करना प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये कोचिंग एवं कैरियर काँउसलिंग सुविधा प्रदान की जाएगी। शिक्षा प्रणाली को प्रभावी बनाने और इसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हिम दर्पण शिक्षा एकीकृत पोर्टल की स्थापना की जाएगी। विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 100 क्लस्टर स्कूलों, 68 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों और 9 महाविद्यालयों को स्मार्ट सुविधाओं से लैस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा विभाग के 400 करोड़ रुपये के आठ संस्थान जनता को समर्पित किये जायेंगे जो ज्यूरी, सुन्दरनगर, कुमारसेन, अर्की, गंगथ, करसोग, रैहन, बन्दला में स्थित हैं। सरकार ने आईटी और एसएमसी शिक्षकों के मानदेय में बढ़ौतरी करने का भी प्रस्ताव रखा है।
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राजिंद्र गर्ग ने कहा कि स्वर्ण जयन्ती नारी सम्बल योजना के अन्तर्गत 65 से 69 वर्ष की वरिष्ठ महिलाओं को एक हजार रुपये प्रति माह सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जाएगी जो एक सराहनीय कदम है। शगुन नाम से एक नई योजना शुरू होगी जिसके अन्तर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के बीपीएल परिवारों की बेटियों को विवाह के समय 31 हज़ार रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती-खुशहाल किसान योजना के अन्तर्गत 50 हज़ार किसान परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2022 तक अनुसूचित जाति वर्ग के सभी पात्र आवेदकों को घर की सुविधा प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, सिलाई अध्यापिका, पंचायत चैकीदार, शिक्षा विभाग के पार्ट टाईम वाटर कैरियर और मिड डे मील वर्कर, राजस्व विभाग के अंशकालिक वर्कर और नम्बरदार, जल गार्ड, पैरा फिटर, पम्प आॅपरेटर के मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। मंत्री ने न्यूनतम दिहाड़ी 300 रुपये प्रतिदिन करने की घोषणा का भी स्वागत किया है।
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