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डलहौजी ! डलहौजी शहर में सफाई व्यवस्था नगर परिषद डलहौजी द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश अनुसार की जा रही है। इसके लिए डलहौजी के कथलग रोड पर दो डंपिंग साइट बनाई गई है। एक डंपिंग साइट में कूड़े करकट को अलग_अलग करके खाद बनाई जाती है और दूसरी डंपिंग साइट में निर्माण कार्य से निकलने वाले कचरे को फेंका जाता है। डलहौजी शहर में 9 वार्ड है और स्थानीय लोगों, होटल और रेस्टोरेंट वालों और स्कूलों का डोर टू डोर कूड़ा और कचरा इकट्ठा करने के लिए डलहौजी शहर को तीन जोन में बांटा गया है। जिसे निविदाएं आमंत्रित करके ठेके पर ठेकेदारों द्वारा एकत्रित किया जाता है। 1 महीने में डोर टू डोर लोगों से लगभग 1,60,000 रुपए लिए जाते हैं। जबकि ठेकेदारों को 1 महीने का लगभग 4,00,000 दिया जाता है। डलहौजी शहर की सड़कों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई नगर परिषद डलहौजी अपने रेगुलर सफाई कर्मचारियों द्वारा करवाती है जिसका 1 महीने का खर्चा लगभग 5,00,000 आता है। डलहौजी नगर परिषद में डोर टू डोर कचरा इकट्ठा करने का 1 महीने का खर्चा 4,00,000 और सड़कों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई करने पर 1 महीने का 5,00,000 खर्चा और दोनों का खर्चा मिलाकर डलहौजी नगर परिषद एक महीने में सफाई व्यवस्था पर लगभग 9,00,000 खर्च कर रही है और पूरे 1 साल का सफाई व्यवस्था पर लगभग 1,08,00000 रुपए का खर्चा है। जबकि डोर टू डोर कलेक्शन में 1 महीने का 1,60,000 रुपए परिषद को आता है और पूरे साल का 19,20,000 रुपए आते हैं। इसका मतलब है कि नगर परिषद डलहौजी 1 साल में सफाई व्यवस्था पर 1,08,00,000 रुपया खर्च कर रही है जबकि डोर टू डोर कलेक्शन में उसे सिर्फ साल के 19,20000 पर मिलते हैं। डलहौजी शहर की आबादी लगभग 7051 हैं और पर्यटक फ्लोटिंग पापुलेशन के रूप में पूरा साल डलहौजी घूमने आते रहते हैं। पर्यटकों के आने से भी डलहौजी में सफाई व्यवस्था पर अतिरिक्त भार और काम पड़ता है। जबकि डलहौजी नगर परिषद को 7051 लोगों की आबादी के हिसाब से सरकार से ग्रांट मिलती है और पर्यटकों के रूप में जो फ्लोटिंग पापुलेशन आती है उसकी कोई ग्रांट नहीं मिलती है। इस संबंध में नगर परिषद डलहौजी के वाइस प्रेसिडेंट संजीव पठानिया से बात की गई तो उन्होंने बताया की शीघ्र ही डलहौजी नगर परिषद को कूड़ा निपटान संयंत्र मिल जाएगा। जिससे डलहौजी की सफाई व्यवस्था और बढ़िया हो जाएगी। स्थानीय लोगों का कहना है की पर्यटकों के डलहौजी आ जाने से डलहौजी की सफाई व्यवस्था चरमरा जाती है इसलिए सार्वजनिक स्थानों पर नगर परिषद को दिन में दो तीन बार सफाई करवानी चाहिए। खास करके डलहौजी के गांधी चौक मैं जहां पर अक्सर रोज पर्यटकों का शाम को जमघट लगा रहता है। हालांकि खाने पीने वाली दुकानों ने डस्टबिन लगा रखे हैं फिर भी कुछ पर्यटक खाने पीने का सामान इधर-उधर नालियों और सड़कों पर फेंक देते हैं। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों की यह भी मांग है की गली मोहल्ला मे जहां आबादी रहती है वहां पर सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान देना चाहिए। स्थानीय लोगों की यह भी मांग है कि पर्यटकों के सारा साल डलहौजी में आने की वजह से सफाई व्यवस्था पर अतिरिक्त भार पड़ता है। इसलिए नगर परिषद को सफाई व्यवस्था के लिए और अतिरिक्त ग्रांट सरकार से मिलनी चाहिए और हिल स्टेशन होने की भी ग्रांट मिलनी चाहिए। साथ ही अगर पर्यटक और स्थानीय लोग इधर-उधर कूड़ा फेंकते हैं तो उन पर भी एक्शन लिया जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए की जिन ठेकेदारों को सफाई व्यवस्था दी गई है। वह भी लगातार सफाई व्यवस्था को बनाए रखें और कोई लापरवाही ना करें। साथ ही नगर परिषद डलहौजी के दोनों माल रोड पर सफाई बनाए रखने के लिए जागरूकता और चेतावनी वाले बोर्ड लगाने चाहिए।
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