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चम्बा ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चम्बा द्वारा राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर मोहल्ला माई का बाग में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ हरित पुरी ने की ।उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप से भी जानते हैं यह फ्लू जैसी बीमारी है जो डेंगू वायरस के कारण होती है और यह बीमारी गंदे पानी में पनप रहे मच्छर के काटने से होती है। उन्होंने बताया कि डेंगू दिवस को मनाने का मकसद लोगों में डेंगू और मलेरिया के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना है उन्होंने बताया कि इस वर्ष इस दिवस को मनाने के लिए जो थीम स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी कई की गई है डेंगू से बचा जा सकता है आइए हाथ मिलाए इस थीम पर आधारित है जो कि सीधे तौर पर लोगों से जुड़ी है उन्होंने बताया कि आज यहां झुग्गी झोपड़ी और प्राकृतिक स्रोतों के नजदीक रह रहे परिवारों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया इसी के साथ साथ प्राकृतिक जल स्त्रोतों की सफाई भी की गई. उन्होंने डेंगू के बारे में जानकारी देते हुए बताया हुए कहा कि डेगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है, जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। यह रोग मुख्य रूप से दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार अनुमानतः 500,000 लोगों को हर साल डेंगू के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। दुनिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं, जिनमें से भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण-पूर्व एशिया, मेक्सिको, अफ्रीका, मध्य और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में तो बड़ी आबादी इस बुखार से प्रभावित होती है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) निदेशालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में इस साल 13 अक्टूबर 2019 तक डेंगू बुखार के 67,000 मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने डेंगू के लक्षण की जानकारी देते हुए कहा कि डेंगू बुखार के लक्षणों में एक साधारण बुखार होता है और किशोरों एवं बच्चों में इसकी आसानी से पहचान नहीं की जा सकती। डेंगू में 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार होता है, जिसके साथ इनमें से कम से कम दो लक्षण होते हैं:सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जी मिलाना, उल्टी लगना, आंखों के पीछे दर्द, ग्रंथियों में सूजन, त्वचा पर लाल चकत्ते होना. इस तरह का बुखार या कोई भी लक्षण हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सीय परामर्श ले. और अपने आसपास सफ़ाई बनाए रखे. पानी को इक्ट्ठा ना होने दे, खुले में रखे पानी के सभी बर्तन, टंकी इत्यादि को पूरी तरह से ढक कर रखे अपने घर के आसपास पानी जमा ना होने दे. जिस से इस बीमारी से कुछ हद तक बचा जा सकता है. इस अवसर पर सुल्तानपुर पार्षद कुमारी सीमा ओशन एन जी ओ से प्रदीप आजाद, विपन कुमार, प्रमोद स्वास्थ्य विभाग से दीपक जोशी भी उपस्थित रहे.।
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