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चम्बा ! स्नो ड्यू हाइड्रो प्रोजेक्ट कूंर के वर्कर आज अपनी मांगों को लेकर व कंपनी की तानाशाही के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए । कंपनी के इन कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि कंपनी प्रबंधन पिछले लंबे समय से मजदूरों का शोषण कर रही है और उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। पिछले 3 महीने से मजदूरों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है । न ही अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। मजदूरों के ईपीएफ के भुगतान का कोई पता नहीं है। जब कंपनी प्रबंधन से इस बारे में बात की गई व लिखित रूप में पत्र भी दिया गया, कंपनी प्रबंधन ने इस संबंध में कोई भी कार्यवाही नहीं की । अपितु कंपनी प्रबंधन ने मजदूरों के नेतृत्व कारी वर्कर्स को नौकरी से निकालने की धमकी दी। और इस महीने से कंपनी प्रबंधन ने यूनियन के प्रधान को काम पर आने से मना कर दिया जिसके चलते मजदूरों ने यह फैसला लिया कि जब तक यूनियन के प्रधान अजीत कुमार की काम पर बहाली नहीं हो जाती तब तक कोई भी वर्कर काम पर नहीं जाएगा। इस संबंध में कंपनी प्रबंधन को 31 मई को लिखित सूचना द्वारा अवगत करवा दिया गया है । कंपनी प्रबंधन को इस संबंध में व अन्य मांगों को लेकर इससे पहले भी पत्र के माध्यम से समय-समय पर अवगत कराया जाता रहा है और साथ ही जिला श्रम अधिकारी को भी कंपनी के रवैये व मजदूरों की मांगों को लेकर पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है । सीटू जिला कमेटी ने कंपनी के इस तरह से गैर जिम्मेदाराना रवैये की कड़ी निंदा की है और मजदूरों की मांगो व हड़ताल का समर्थन किया है । सीटू ने कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि कंपनी प्रबंधन मजदूरों की मांगों को तुरंत पूरा करें जिसमें मुख्य रुप से यूनियन के प्रधान व कंपनी कर्मचारी अजीत कुमार की काम की बहाली तुरंत की जाए ,व पिछले 3 महीनों से मजदूरों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है तुरंत वेतन का भुगतान किया करे। सीटू ने कंपनी के इस समय में जब संकट का समय है महामारी फैली है। अपने कर्मचारियों के साथ इस तरह के व्यवहार की भी भर्त्सना की है सीटू ने कंपनी प्रबंधन के साथ ही श्रम विभाग से भी अपील की है कि श्रम विभाग इसका कड़ा संज्ञान ले और मजदूरों की मांगों को स्वयं हस्तक्षेप करके कंपनी प्रबंधन को उचित दिशा निर्देश करें ताकि मजदूरों के साथ न्याय हो सके सीटू ने कहा है कि अगर कंपनी प्रबंधन मजदूरों की मांगों को पूरा नहीं करता है तो आने वाले समय में कंपनी प्रबंधन के खिलाफ और भी कड़े कदम उठाने को मजबूर होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेवारी कंपनी प्रबंधन की होगी ।
चम्बा ! स्नो ड्यू हाइड्रो प्रोजेक्ट कूंर के वर्कर आज अपनी मांगों को लेकर व कंपनी की तानाशाही के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए । कंपनी के इन कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि कंपनी प्रबंधन पिछले लंबे समय से मजदूरों का शोषण कर रही है और उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। पिछले 3 महीने से मजदूरों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है । न ही अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं।
मजदूरों के ईपीएफ के भुगतान का कोई पता नहीं है। जब कंपनी प्रबंधन से इस बारे में बात की गई व लिखित रूप में पत्र भी दिया गया, कंपनी प्रबंधन ने इस संबंध में कोई भी कार्यवाही नहीं की । अपितु कंपनी प्रबंधन ने मजदूरों के नेतृत्व कारी वर्कर्स को नौकरी से निकालने की धमकी दी। और इस महीने से कंपनी प्रबंधन ने यूनियन के प्रधान को काम पर आने से मना कर दिया जिसके चलते मजदूरों ने यह फैसला लिया कि जब तक यूनियन के प्रधान अजीत कुमार की काम पर बहाली नहीं हो जाती तब तक कोई भी वर्कर काम पर नहीं जाएगा।
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इस संबंध में कंपनी प्रबंधन को 31 मई को लिखित सूचना द्वारा अवगत करवा दिया गया है । कंपनी प्रबंधन को इस संबंध में व अन्य मांगों को लेकर इससे पहले भी पत्र के माध्यम से समय-समय पर अवगत कराया जाता रहा है और साथ ही जिला श्रम अधिकारी को भी कंपनी के रवैये व मजदूरों की मांगों को लेकर पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है । सीटू जिला कमेटी ने कंपनी के इस तरह से गैर जिम्मेदाराना रवैये की कड़ी निंदा की है और मजदूरों की मांगो व हड़ताल का समर्थन किया है ।
सीटू ने कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि कंपनी प्रबंधन मजदूरों की मांगों को तुरंत पूरा करें जिसमें मुख्य रुप से यूनियन के प्रधान व कंपनी कर्मचारी अजीत कुमार की काम की बहाली तुरंत की जाए ,व पिछले 3 महीनों से मजदूरों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है तुरंत वेतन का भुगतान किया करे। सीटू ने कंपनी के इस समय में जब संकट का समय है महामारी फैली है।
अपने कर्मचारियों के साथ इस तरह के व्यवहार की भी भर्त्सना की है सीटू ने कंपनी प्रबंधन के साथ ही श्रम विभाग से भी अपील की है कि श्रम विभाग इसका कड़ा संज्ञान ले और मजदूरों की मांगों को स्वयं हस्तक्षेप करके कंपनी प्रबंधन को उचित दिशा निर्देश करें ताकि मजदूरों के साथ न्याय हो सके सीटू ने कहा है कि अगर कंपनी प्रबंधन मजदूरों की मांगों को पूरा नहीं करता है तो आने वाले समय में कंपनी प्रबंधन के खिलाफ और भी कड़े कदम उठाने को मजबूर होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेवारी कंपनी प्रबंधन की होगी ।
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