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चम्बा ! 14 अप्रैल , [ रीना सहोत्रा ] ! तीन दिनों तक चलने वाला सुही माता का मेला कल देर सांय समाप्त हो गया और सांय के समय ही सुही माता को उनके निवास पिंक पैलेस चंबा लाया गया। आपको बता दे कि यह मेला रानी सुनेना के उस बलिदान को समर्पित करता है जिसमे महारानी सुनेयना ने अपने चंबा वासियों की पानी की प्यास को बुझाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। आज भी उनकी याद में यह मेला हर वर्ष इसी चैत्र मास नवरात्री के दिनों में ही मनाया जाता है। यह ऐतिहासिक सुही माता का यह मेला केवल महिलाओं के लिए ही समर्पित है पर आज के समय में हर कोई श्रद्धालु व्यक्ति उस माता के दर्शन जरूर करना चाहता है जिसने राजस्वी एशो आराम को त्यागते हुए अपनी चंबा की जनता को जीवन दान दिया और खुद को अमर बना डाला था। इस अवसर पर गद्दी समुदाय से जुड़ी महिलाएं अपनी प्राचीन वेश भूषा में नृत्य के साथ गाना भी गाती है। तीन दिनों तक चलने वाले इस मेले में कई तरह के व्यंजन भी बनाए जाते है जिनको की हर कोई खाना पसंद करता है। इसमें सबसे प्रसिद्ध खट्टे पकुडू, पापड़, गोलगप्पे, लच्छेदार रसमलाई, और भी कई तरह के व्यंजनों के साथ छोटे बच्चो के लिए तरह तरह खिलोने और गुब्बारे बेचने वालो के स्टॉल लगाए जाते है जिसका सभी लोग खूब आनंद उठाते है।
चम्बा ! 14 अप्रैल , [ रीना सहोत्रा ] ! तीन दिनों तक चलने वाला सुही माता का मेला कल देर सांय समाप्त हो गया और सांय के समय ही सुही माता को उनके निवास पिंक पैलेस चंबा लाया गया।
आपको बता दे कि यह मेला रानी सुनेना के उस बलिदान को समर्पित करता है जिसमे महारानी सुनेयना ने अपने चंबा वासियों की पानी की प्यास को बुझाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। आज भी उनकी याद में यह मेला हर वर्ष इसी चैत्र मास नवरात्री के दिनों में ही मनाया जाता है।
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यह ऐतिहासिक सुही माता का यह मेला केवल महिलाओं के लिए ही समर्पित है पर आज के समय में हर कोई श्रद्धालु व्यक्ति उस माता के दर्शन जरूर करना चाहता है जिसने राजस्वी एशो आराम को त्यागते हुए अपनी चंबा की जनता को जीवन दान दिया और खुद को अमर बना डाला था।
इस अवसर पर गद्दी समुदाय से जुड़ी महिलाएं अपनी प्राचीन वेश भूषा में नृत्य के साथ गाना भी गाती है। तीन दिनों तक चलने वाले इस मेले में कई तरह के व्यंजन भी बनाए जाते है जिनको की हर कोई खाना पसंद करता है। इसमें सबसे प्रसिद्ध खट्टे पकुडू, पापड़, गोलगप्पे, लच्छेदार रसमलाई, और भी कई तरह के व्यंजनों के साथ छोटे बच्चो के लिए तरह तरह खिलोने और गुब्बारे बेचने वालो के स्टॉल लगाए जाते है जिसका सभी लोग खूब आनंद उठाते है।
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