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चम्बा , 02 दिसंबर [ शिवानी ] ! जिले के अंतर्गत पड़ने वाले चुराह विधानसभा क्षेत्र में आज भी बहुत सारे ऐसे स्थान और सड़के मौजूद है पर लोग आज भी अपनी जान को जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है। जी हां हम बात कर रहे है जिले के उपमंडल सलूणी-तीसा को आपस में जोड़ने वाले वाया हिमगिरी मार्ग की पटोली नाला की तो इस रास्ते की हालत इतनी कर दयनीय है कि कोई भी बड़ी या छोटी गाड़ी जब भी इस रास्ते से गुजरती है तो उसके आधे टायर सड़क से बाहर चलते हुए दिखाई देते है। हालंकि इस रिस्की रास्ते को बनाने के लिए कई मर्तवा लोग निर्माण विभाग को अवगत करवाया जा चुका है बाबजूद इसके आठ माह बीत जाने के बाद भी लोक निर्माण विभाग ने इस मार्ग की सुध नहीं ली है। माल वाहक वाहन और बसें लेकर जाने वाले चालक परेशान हैं। यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि सबसे ज्यादा खराब सड़क से हालत हिमगिरी मार्ग की है। इन लोगों का कहना है कि पटोली नाला की सड़क जिसमे बड़ी गाड़ी गुजरती है तो उन सभी गाड़ियों के पिछले टायर सड़क से बाहर कच्चे डंगे से होकर गुजरता है और अगर ऐसे में कभी अगर यह कच्चा डंगा बैठ जाए तो बड़ा हादसा होने से कोई भी नही रोक सकता है। इन लोगों ने बताया कि इस मार्ग से रोजाना लगभग पांच सरकारी और सात निजी बसें गुजरती हैं। और पटोली नाला के पास सड़क काफी संकीर्ण है। इस बारे में कई बार लोक निर्माण विभाग को अवगत करवाया गया, लेकिन समस्या जस की तस ही बनी हुई है। तंग आ चुके स्थानीय ग्रामीण लोगों का कहना है कि जल्द से जल्द इस उक्त मार्ग की सुध न ली गई तो हम सभी ग्रामीण लोग मिलकर आंदोलन करेंगे। उधर, लोक निर्माण विभाग मंडल तीसा के अधिशासी अभियंता जोगेंद्र शर्मा ने बताया कि स्लैब की अनुमति ली गई है। अब इसका प्रस्ताव बनाकर बजट की मांग की जाएगी।
चम्बा , 02 दिसंबर [ शिवानी ] ! जिले के अंतर्गत पड़ने वाले चुराह विधानसभा क्षेत्र में आज भी बहुत सारे ऐसे स्थान और सड़के मौजूद है पर लोग आज भी अपनी जान को जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है।
जी हां हम बात कर रहे है जिले के उपमंडल सलूणी-तीसा को आपस में जोड़ने वाले वाया हिमगिरी मार्ग की पटोली नाला की तो इस रास्ते की हालत इतनी कर दयनीय है कि कोई भी बड़ी या छोटी गाड़ी जब भी इस रास्ते से गुजरती है तो उसके आधे टायर सड़क से बाहर चलते हुए दिखाई देते है। हालंकि इस रिस्की रास्ते को बनाने के लिए कई मर्तवा लोग निर्माण विभाग को अवगत करवाया जा चुका है बाबजूद इसके आठ माह बीत जाने के बाद भी लोक निर्माण विभाग ने इस मार्ग की सुध नहीं ली है।
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माल वाहक वाहन और बसें लेकर जाने वाले चालक परेशान हैं। यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि सबसे ज्यादा खराब सड़क से हालत हिमगिरी मार्ग की है। इन लोगों का कहना है कि पटोली नाला की सड़क जिसमे बड़ी गाड़ी गुजरती है तो उन सभी गाड़ियों के पिछले टायर सड़क से बाहर कच्चे डंगे से होकर गुजरता है और अगर ऐसे में कभी अगर यह कच्चा डंगा बैठ जाए तो बड़ा हादसा होने से कोई भी नही रोक सकता है। इन लोगों ने बताया कि इस मार्ग से रोजाना लगभग पांच सरकारी और सात निजी बसें गुजरती हैं। और पटोली नाला के पास सड़क काफी संकीर्ण है।
इस बारे में कई बार लोक निर्माण विभाग को अवगत करवाया गया, लेकिन समस्या जस की तस ही बनी हुई है। तंग आ चुके स्थानीय ग्रामीण लोगों का कहना है कि जल्द से जल्द इस उक्त मार्ग की सुध न ली गई तो हम सभी ग्रामीण लोग मिलकर आंदोलन करेंगे।
उधर, लोक निर्माण विभाग मंडल तीसा के अधिशासी अभियंता जोगेंद्र शर्मा ने बताया कि स्लैब की अनुमति ली गई है। अब इसका प्रस्ताव बनाकर बजट की मांग की जाएगी।
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